चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर बोले CJI-लोकतंत्र की हत्या हुई:निगम की बैठकों पर रोक; कहा- चुनाव अधिकारी ने बैलट पेपरों को डिफेस्ड किया
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर बोले CJI-लोकतंत्र की हत्या हुई:निगम की बैठकों पर रोक; कहा- चुनाव अधिकारी ने बैलट पेपरों को डिफेस्ड किया मेयर चुनाव को लेकर चुनाव अधिकारी अनिल मसीह का य वीडियो जारी कर आप नेताओं ने सवाल उठाए हुए हैं।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर चुनाव अधिकारी अनिल मसीह का ये वीडियो जारी कर आप नेताओं ने सवाल उठाए हुए हैं।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- यह स्पष्ट है कि उन्होंने (चुनाव अधिकारी) बैलट पेपरों को डिफेस्ड (विरूपित) किया। क्या वह इसी तरह चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। इस अफसर पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव के पूरे रिकॉर्ड को जब्त कर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। बैलट पेपर और वीडियोग्राफी को संभालकर रखा जाए। इसके साथ कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक स्थगित रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी चेतना को संतुष्ट करना होगा, नहीं तो नए सिरे से चुनाव कराने होंगे। अब अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
I.N.D.I.A यानी AAP-कांग्रेस के संयुक्त कैंडिडेट कुलदीप कुमार ने यह याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर दोबारा चुनाव की मांग की गई है।
याचिका में दलील दी गई कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। उनकी तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं। मेयर के चुनाव 28 जनवरी को हुए थे।
गठबंधन के 8 वोट हुए थे इनवैलिड
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में एक सांसद और 35 पार्षदों को मिलाकर 36 वोट थे। इनमें 14 भाजपा पार्षद, एक भाजपा सांसद किरण खेर, 1 अकाली दल और बाकी 20 वोट आप और कांग्रेस पार्षदों के थे। सभी ने वोटिंग की। चुनाव अधिकारी ने काउंटिंग के बाद कहा कि भाजपा को 16 वोट मिले। वहीं, आप-कांग्रेस के उम्मीदवार को 12 वोट मिले हैं, जबकि 8 वोट इनवैलिड पाए गए।
मनोज सोनकर ने भी फाइल की कैविएट
भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। जिसमें कहा है कि कुलदीप की याचिका पर कोई फैसला लेने से पहले उनकी बात भी सुनी जाए। उनकी तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी भारद्वाज दलीलें रखेंगी।
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर का रिजल्ट डिक्लेयर होते ही भाजपा के मनोज सोनकर को कुर्सी पर बैठाया गया था।
हाईकोर्ट से नहीं मिली कोई राहत
सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले कुलदीप कुमार की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इस पर सुनवाई के दौरान उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसमें जस्टिस सुधीर सिंह और हर्ष बांगर की खंडपीठ ने आप की तरफ से चुनाव को स्टे करने की मांग पर इनकार कर दिया था।
वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर इस पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा गया था। वहीं, कुलदीप कुमार की तरफ से इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की गई थी। लेकिन, फिर भी चंडीगढ़ प्रशासन को हाईकोर्ट की तरफ से तीन हफ्ते का समय दे दिया गया है। अब इस मामले में 26 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
AAP पार्षद ने अंतरिम राहत से इनकार करने और याचिका को तीन सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की। हाईकोर्ट में मामला 26 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका के अनुसार, आप उम्मीदवार ने एक रिटायर्ड न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नए सिरे से चुनाव कराने के निर्देश मांगे हैं। याचिका में कहा गया है कि यह इसलिए दायर किया गया, क्योंकि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ था।
3 दिन पहले चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगा आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में प्रदर्शन किया था। इस दौरान आप के वर्करों और दिल्ली पुलिस में धक्कामुक्की हुई। थी।
3 दिन पहले चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगा आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में प्रदर्शन किया था। इस दौरान आप के वर्करों और दिल्ली पुलिस में धक्कामुक्की हुई। थी।
डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर अर्जी दाखिल करेगी कांग्रेस
वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर कांग्रेस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करने जा रही है। कांग्रेस की तरफ से दोनों पदों पर भाजपा के जीते उम्मीदवार कुलदीप सिंह संधू और राजेंद्र शर्मा की जीत को चुनौती दी जाएगी।
कांग्रेस की तरफ से गठबंधन के समर्थन से इन दोनों पदों पर गुरप्रीत गावी और निर्मला देवी को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन विपक्ष के वॉकआउट करने के बाद भाजपा के दोनों प्रत्याशी जीत गए थे।
सौजन्य: दैनिक भास्कर
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