Mandsaur News: फाइनेंस कंपनी की ये कैसी वसूली, 100 साल के बुजुर्ग को पलंग सहित उठाकर किया घर के बाहर
मंदसौर। निजी फाइनेंस कंपनी ने अपने लोन को वसूलने के लिए नाहरगढ़ थाने के ग्राम भील्या खेड़ी में एक पुजारी के घर को कुर्क कर लिया। पर कुर्की की प्रक्रिया जिस तरह की गई उसने फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों के साथ आए नाहरगढ़ थाने के पुलिसकर्मियों ने भी मानवीयता को शर्मसार कर दिया। 2015 में मेंटोर फाइनेंस कंपनी जयपुर से मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपये का लोन लिया था। कंपनी ने 20 हजार रुपये बीमा और 50 हजार रुपये अन्य खर्च के नाम पर काट लिए थे।
पुलिस की मौजूदगी में कर्मचारियों ने घर का सामान तो एक-एक कर बाहर निकालकर सड़क पर रखा ही। पुजारी के 100 वर्षीय बुजुर्ग पिता को खटिया सहित बाहर सड़क पर एक सामान सहित रख दिया गया। पुजारी ने तीन लाख रुपये का लोन लिया था, बताया जा रहा है कि अब ब्याज सहित यह 12 लाख रुपये हो गए हैं। जबकि इसमें से कुछ किस्तें चुकाने का दावा भी पुजारी कर रहा हैं। अभी पुजारी अपने भाई के खेत पर रह रहे हैं।
मंदसौर जिले में लोन की किस्त नहीं चुका पाने पर पुजारी को परिवार सहित उनके घर से निकाल दिया गया। फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों के साथ नाहरगढ़ थाने से पुलिसकर्मी भी पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने भी पुजारी व उसके परिवार की महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया हैं। नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के भील्याखेड़ी गांव में शनिवार की घटना बताई जा रही हैं। इसका वीडियो रविवार को सामने आया है।
गांव में श्रीराम मंदिर के पुजारी गोविंद दास बैरागी ने 2015 में मेंटोर फाइनेंस कंपनी जयपुर से मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपये का लोन लिया था। पुजारी गोविंद दास बैरागी ने बताया कि लोन देते समय कंपनी ने 20 हजार रुपये बीमा और 50 हजार रुपये अन्य खर्च के नाम पर काट लिए थे।
लोन मिलने की खुशी में मैंने 10 हजार रुपये सांवलियाजी मंदिर में दान कर दिए। इसके बाद 70 हजार रुपये की किस्तें जमा भी की थी। इसके बाद कोरोना के कारण लाक डाउन लग गया। फिर मेरे पिता की तबीयत खराब हो गई। तब से वे खटिया पर ही हैं। पत्नी की तबीयत खराब होने पर आपरेशन कराया। तीन बेटियों का विवाह किया। एक बेटी मेरे पास है, जिसे आंखों से दिखाई नहीं देता है। आर्थिक स्थिति दयनीय होने से किस्तें नहीं भर पाया।
पुजारी ने बताया कि मैंने और पत्नी ने पुलिस के साथ आए फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों से कहा भी सही कि जल्द किस्तें जमा करा देंगे। पर हमारे निवेदन को भी नहीं सुना। यहां तक कि मेरे 100 साल के पिता को पलंग सहित बाहर निकालकर गली में पटक दिया। सारा सामान बाहर निकालकर सड़क पर रख दिया। अब मजबूरन खेत पर बड़े भाई के यहां रह रहा हूं। मेरे साथ इस तरह की कार्रवाई कर अपमानित किया गया है, दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
फाइनेंस कंपनी के कलेक्शन मैनेजर दीपकसिंह राजावत ने बताया कि पुजारी गोविंद दास को कई बार नोटिस दिए गए हैं लेकिन किस्तें जमा नहीं की गईं। अभी भी उनकी 50 किस्तें बाकी हैं। कंपनी ने मंदसौर के न्यायालय में केस दायर किया था। वहां भी पुजारी उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई हुई है।
तीन लाख का लिया था लोन ब्याज सहित 12 लाख रुपये हो गए
इधर हाल ही में मल्हारगढ़ विधानसभा चुनाव लड़ चुके किसान नेता श्यामलाल जोकचंद ने भी आरोप लगाया कि मंदसौर नीमच जिले में कुकुरमुत्तों की तरह निजी फाइनेंस कंपनियां फैल गई हैं। इनके एजेंट भोले-भाले लोगों को फंसाकर छोटा लोन देते हैं और उनमें भी आधे रुपये फाइल चार्ज और अन्य चार्ज के नाम पर रख लेते हैं। फिर किस्त भरने के बाद प्रताडि़त करते हैं। पीड़ित पुजारी ने भी 3 लाख का लोन लिया था। इसमें पहले ही 70 हजार कम दिए, 70 हजार रुपये चुका दिए। फिर भी कंपनी ब्याज सहित 12 लाख रुपये और मांग रही है।
सौजन्य: नई दुनिया
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