एसडीएम साहब के उदासीनता के कारण दलित युवक बैठा भूख हड़ताल पर- मनिंदर
सारंगढ़।विगत 3 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे है मनिंदर, लेकिन अब तक प्रशासन ने युवक का सुध नहीं लिया है।
आपको बता दे की विगत छः महीने से ग्राम पंचायत खैरा छोटे के सरपंच मोहरमती साहू के खिलाफ गांव के ही दलित युवा मनिंदर ने लिखित में विधिवत शिकायत किया था लेकिन जांच करते करते 6 महीने बीत गया अब तक कोई फैसला नही हो पाया, यह जनपद स्तर में जांच किया गया जिसमे साफ तौर पर बताया की सरपंच और सचिव ने अपने ही नातेदार के नाम पर वित्त की राशि आहरण कर प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ पहुचाया है, के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विहित प्राधिकारी पंचायत ने धारा 40, पंचायती राज अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण संस्थित किया गया।
लेकिन एसडीएम कोर्ट में मामला 6 महीने से लटक गया आखिर क्यों दोषी पंचायत पर अब तक निर्णय नही हुआ ? मामला बस पेशी दर पेशी का चल रहा इससे हताश और निराश होकर शिकायतकर्ता दलित युवा मजबूरन भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर हुए
एसडीएम की उदासीनता के कारण दलित युवा बैठा भूख हड़ताल पर?
आपको बता दे यह मामला 6 महीने बीत गया लेकिन उसके बाद भी निर्णय नहीं कर पाया और ना जाने 2 से 3 एसडीएम बदल गए अब तक दोषी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं और ना ही पीड़ित शिकायतकर्ता को कोई न्याय मिल सका जबकि साफ तौर पर पंचायती राज अधिनियम कहता है कि ऐसे मामला को 90 दिवस के भीतर जांच कर निर्णय करते हुए न्याय दिलाना होता है लेकिन एसडीएम को उदासीनता इस मामले में साफ दिखाई पड़ रहा जहा सरपंच को बचाने खूब प्रयास किया गया ? जबकि भूखड़ताल पर बैठे मनिंदर ने बताया की ठीक इसी तरह का मामला इसी एसडीएम कोर्ट में लगा था ग्राम बेगची का जिसमे 90 दिवस के भीतर निर्णय हो चुका लेकिन हमारी शिकायत पर 6 महीने 180 दिन बीत गया लेकिन बस हमे पेशी के नाम पर घुमाया जा रहा है आखिर एक ही एसडीएम कोर्ट में एक ही तरह के मामला में दोहरा नीति प्रशासन कर रहा और जब तक अब मुझे न्याय नही मिलेगा तब तक भूखड़ताल जारी रहेगा
आईएएस अधिकारी के न्यायालीन क्षमता पर उठ रहे सवाल?
वही यह कहा जाता है की आईएएस अधिकारी होना जिला या ब्लाक में उनका मुख्य दावित्वा होता है की किसी हर मामले में गभीरता के साथ सत्यता देखते हुए उसका त्वरित निराकरण करते हुए न्याय दिलाना होता है लेकिन यहां तो मामले में पेशी का खेला खूब चल रहा अधिकार तो यह भी कहता है कि अगर किसी को समय सीमा के अंदर न्याय नही मिलता तो उसे न्याय से वंचित माना जाता है क्या पंचायत को बचाते हुए शिकायतकर्ता को न्याय ना मिल पाना उसे जानबूझकर न्याय से वंचित तो नही किया गया अब देखना यह है की मामले 6 महीने बीत चुका अब नए एसडीएम इसी कितनी गाभीरता से लेते है और पीड़ित दलित भूखड़ताल पर बैठा मनिंदर को न्याय दिलाते है या नही?
आईएएस साहब फाइल लटकाने में एक्सपर्ट
बता दें कि सारंगढ़ में जब से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के रूप में एक आईएएस अधिकारी की पोस्टिंग हुआ है तब से सारंगढ़ का प्रशासन सुस्त पढ़ा हुआ है, वही सूत्र के अनुसार फाइल लटकाने का मामला देखकर अधिवक्तागण भी घोर नाराज है।
सौजन्य: Prathamaawaz
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