आरक्षित सीटों पर सामान्य वर्ग की भर्ती का विरोध
भारत सरकार व यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग उच्च शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को मिलने वाला आरक्षण समाप्त करना चाहता है।
दलित शोषण मुक्ति मंच हिमाचल प्रदेश के संयोजक जगत राम और सह संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि अब भारत सरकार और यूजीसी को अब इस सिलसिले में सफाई देनी पड़ी है। उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का ये मुद्दा तब चर्चा मे आया, जब यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के गाइडलाइन से जुड़ा एक मसौदा सार्वजनिक हुआ। इस मसौदे में टीचिंग स्टाफ की भर्ती से जुड़े एससी, एसटी और ओबीसी उ मीदवारों के खाली रह जाने वाले पदों को डी-आरक्षित करने की बात थी।
अगर आरक्षित सीटें खाली रह जाएं, यानी उन पर उचित उम्मीदवार न मिले तो उस सीट को कुछ खास परिस्थितियों में सामान्य घोषित कर दिया जाएगा। दलित शोषण मुक्ति मंच हिमाचल प्रदेश के संयोजक जगत राम और सह संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि ने कहा की हमारे पहले के अनुभवों मे यही देखने को मिला है कि विभाग अनेकों बार योग्य उम्मीदवार होने के बाद भी किसी उचित उम्मीदवार न मिलने का हवाला दे कर हजारों पदों को खाली छोड़ देता है। यदि आयोग का ये मसौदा लागू होता है तो अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के पहले के भी हजारों पद अनारक्षित हो जाएंगे। दलित शोषण मुक्ति मंच इसका विरोध किया है।
सौजन्य: दिव्या हिमांचल
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