दलितों पर अत्याचार के मामले में कानपुर तीसरे स्थान पर
दलितों पर अत्याचार और आपराधिक घटनाओं में कानपुर तीसरे स्थान पर है। एनसीआरबी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में दलितों के साथ सन 2022 में 376 आपराधिक घटनाएं दर्ज हुईं हैं। वहीं, लखनऊ और जयपुर इन मामलों में कानपुर से भी आगे हैं। हालांकि 70 प्रतिशत से ज्यादा मामले गंभीर अपराधों के नहीं हैं।
एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो 19 मेट्रोपॉलिटिन शहरों में शामिल कानपुर में सन 2020 में 163 वारदात दर्ज हुई थीं। सन 2021 में 165 और सन 2022 में 376 वारदातें दर्ज की गईं। वहीं सन् 2022 में लखनऊ दलितों पर हुईं वारदातों में पहले स्थान पर रहा यहां 420 वारदातें दर्ज की गई हैं। वहीं जयपुर में 381 वारदातें दर्ज हुई हैं और वह दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा बंगलुरू में 231 और अहमदाबाद में 189 मामले दर्ज किए गए हैं।
कानपुर में दलितों की हुईं सात हत्याएं
एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार कानपुर में सन 2022 में दलितों की हत्या के अपराध में सात मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं हत्या का प्रयास की एक भी वारदात नहीं हुई है। इनमें बंगलुरू में सबसे ज्यादा 8 हत्याएं मामले दर्ज किए गए हैं।
न कोई मारपीट न गंभीर चोट
दलितों के साथ मारपीट, साधारण मारपीट या गम्भीर मारपीट जैसी कोई घटना कानपुर में नहीं हुई। एनसीआरबी में ऐसी घटनाओं में 0-0 अंकित है। वहीं पटना में सर्वाधिक मारपीट के 71 मामले दर्ज किए गए हैं।
सिर्फ बंगलुरू में हुआ एसिड अटैक
दलित पर एसिड अटैक की तीन घटनाएं बंगलुरू में दर्ज की गई है। बाकी 19 मेट्रोपॉलिटिन शहरों में किसी भी जगह एसिड अटैक की घटनाएं नहीं दर्ज हुईं। इसके अलावा दलित महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या अन्य घटनाएं भी कानपुर में नहीं हुई हैं। एनसीआरबी में इसमें भी 0-0 अंकित है।
रेप के 16, शादी के लिए अपहरण के तीन मामले
एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार दलित महिला व युवतियों के साथ रेप के 16 मामले सन 2022 में दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा शादी के लिए अपहरण के तीन मामले दर्ज किए गए हैं।
सौजन्य: Live hindustan
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