परिचर्चा : रामावतार शास्त्री ने कभी भी मज़दूरों के सवालों से समझौता नहीं किया
”कॉमरेड रामावतार शास्त्री जैसे व्यक्तित्व को याद करना इसलिए भी आवश्यक है कि उनके जैसे सांसदो के द्वारा गरीबों मज़दूरों के लिये किये गये संघर्ष के बूते मिले अधिकारों को आज केंद्र सरकार द्वारा छीनने का प्रयास किया जा रहा है।”
पटना: स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता तथा पटना के तीन बार सांसद रामवतार शास्त्री के स्मृति दिवस के अवसर पर आम सभा का आयोजन पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके नाम पर बने पार्क में आयोजित किया गया। इस मौके पर “का. रामवतार शास्त्री की विरासत, गणतंत्र दिवस और आज की चुनौतियां’ विषय पर परिचर्चा का भी आयोजन हुआ। सभा की अध्यक्षता दीनानाथ प्रसाद ने था संचालन मंगल पासवान ने किया।
रामावतार शास्त्री चौक में हुई यह सभा उनकी 36 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित थी। इस आम सभा में श्रमिक वर्ग के साथ साथ छात्र, युवा, महिला, बुद्धिजीवी, एडवोकेट, रंगकर्मी, साहित्यकार आदि शामिल हुए।
सर्वप्रथम रामवतार शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किये गये। तत्पश्चात इप्टा के साथियो ने अपने क्रांतिकारी गीत से गाए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमण्डल सदस्य रामबाबू कुमार ने देश में घट रहे चिंताजनक घटनाक्रमों का जिक्र कहा “आज देश के संविधान पर हमला कर जन अधिकारों को खत्म किया जा रहा है। संयोग है कि 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू हुआ और 26जनवरी को ही को ही रामवतार शास्त्री इस दुनिया से रुखसत हो गये। आज की परिस्थिति में कॉमरेड रामावतार शास्त्री जैसे व्यक्तित्व को याद करना इसलिए भी आवश्यक है कि उनके जैसे सांसदो के द्वारा गरीबों मज़दूर के लिये किये गये संघर्ष के बूते मिले अधिकारों को आज केंद्र सरकार द्वारा छीनने का प्रयास किया जा रहा है।”
मुख्य वक्ता के रूप मे बोलते हुए सी.पी.आई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा “आज देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही है। देश में सम्प्रदायिक उन्माद पैदा कर जनता के मूल समस्या से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके विरूद्घ संघर्ष को तेज करने की जरुरत है। संसद में उनके द्वारा उठाए गए सवालों और हस्तक्षेप को इकट्ठा कर उसे प्रकाशित करना बेहद जरूरी है।”
रामावतार शास्त्री के जीवनी लेखक अनीश अंकुर ने कहा “पटना में उनके बाद फिर कोई भी कम्युनिस्ट सांसद न हो सका। वे कभी भी अपना वर्गीय दृष्टिकोण नहीं छोड़ा करते थे। आम सांसदों व विधायकों में समाज के शक्तिशाली हिस्सों से तालमेल बिठाने की प्रवृत्ति रहती है पर रामावतार शास्त्री ने कभी भी मजदूरों के सवालों से समझौता नहीं किया। एक कम्युनिस्ट को अंतराष्ट्रीयतावादी होना चाहिये। फिलीस्तीन और इजरालय के विवाद पर उनका चालीस वर्ष पूर्व लिखा आलेख पढ़ने पर पता चलता है कि वे दुनिया में होने वाली प्रमुख घटनाओं पर पैनी नजर रखा करते थे।”
सभा संबोधित करते हुए शिक्षाविद कुमार सर्वेश ने कहा ” आज मुझे बाबा नागार्जुन याद आ रहे हैं जो कहते थे कि ‘जो रोटी की बात करेगा वह कम्युनिस्ट कहलाएगा।’ समाज के निचले पायदान और शोषित पीडित के लिये जो सोचता है और उनके अधिकर के रक्षा हेतु खड़ा रहता है वह कम्युनिस्ट कहलाता है।”
सी.पी.आई. के अन्य राज्य सचिव मण्डल सदस्य रामलला सिंह ने कहा कि “काॅमरेड रामवतार शास्त्री से हमें गरीब लोगों से जीवंत संपर्क की कला सीखनी चाहिए। आज हमें आम लोगों से अपने रिश्ते और गहरा करने की जरूरत है। इस मामले में कमी आ गई है जिसे हमें शास्त्री जी से सीखना चाहिए।”
सी.पी.आई. के पटना जिला सचिव विश्वजीत कुमार के अनुसार “रामावतार शास्त्री का 63 संगठनों से जुड़ाव था। रामावतार शास्त्री के विरासत को हम कायम रखते हुए, देश की वर्तमान चुनौती का सामना करते हुए नकली रामभक्तो का पर्दाफाश करने का संकल्प लेते हैं।”
सभा संबोधित करने वालों में सी.पी.आई. के पटना साहिब अंचल सचिव शम्भु शरण प्रसाद, कुम्हरार अंचल सचिव हरेन्द्र कुमार, बांकीपुर अंचल सचिव जितेन्द्र कुमार, दीघा अंचल सचिव प्रमोद नन्दन, सह सचिव सुरेन्द्र कुमार मुन्ना,महिला नेता कृष्णा देवी, शान्ति देवी, ए.आई.एस.एफ नेता सुशील उमाराज और शबीना खातून शामिल थे। धन्यवाद ज्ञापन देवरत्न प्रसाद ने किया।
सौजन्य: न्यूज़ क्लिक
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