दिल्ली हाईकोर्ट का वो आदेश जिसने PM केयर्स फंड को फिर सुर्खियों में ला दिया
PM Cares Fund के बारे में जानकारी मांगने वाली एक RTI पर सुनवाई करते हुए Delhi High Court का फैसला आया है. कोर्ट ने कहा, CIC के पास IT एक्ट की धारा 138 के तहत ऐसा आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है|
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के एक आदेश को रद्द कर दिया. इस आदेश में एक RTI आवेदक को पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) के बारे जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. हाई कोर्ट ने 22 जनवरी को CIC के आदेश को रद्द कर दिया|
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि आवेदक ने इनकम टैक्स विभाग के सेंट्रल पब्लिक ऑफिसर (CPIO) से जानकारी मांगी है, न कि PM Cares Fund से. कोर्ट ने कहा,
“आवेदक ने जो जानकारी मांगी है वो थर्ड पार्टी से संबंधित है. RTI एक्ट की धारा 11 के तहत किसी थर्ड पार्टी से संबंधित जानकारी केवल उस थर्ड पार्टी को नोटिस देने के बाद ही दी जा सकती है.”
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि CIC को अपना फैसला सुनाने से पहले RTI एक्ट की धारा 11 का पालन करना चाहिए था|
CIC ने 27 अप्रैल 2022 को अपना आदेश सुनाया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए इनकम टैक्स विभाग की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी|
कोर्ट ने IT एक्ट की धारा 138(1)(B) की भी चर्चा की. कहा कि इस धारा में भी बताया गया है कि ऐसी जानकारी केवल प्रधान मुख्य आयुक्त या मुख्य आयुक्त या प्रधान आयुक्त या आयुक्त की संतुष्टि पर ही दी जा सकती है.
हाई कोर्ट ने आगे कहा,
“CIC के पास IT एक्ट की धारा 138 के तहत प्रदान की गई जानकारी के खुलासा करने का आदेश देने का अधिकार नहीं है. अगर किसी मामले में उनके पास ये अधिकार हो तो भी PM Cares Fund के मामले में सुनवाई के लिए नोटिस देने का अधिकार उस धारा के अंदर नहीं है.”
न्यायलय ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि PM Cares Fund एक सार्वजनिक प्राधिकरण है या नहीं, ये मामला हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष पेंडिंग है|
इस मामले में गिरीश मित्तल ने इनकम टैक्स के अधिकारियों से RTI के तहत कुछ जानकारी मांगी थी. IT विभाग ने कहा था कि इस मामले में CIC का आदेश कानून के विपरीत है|
सौजन्य:द ललनटॉप
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