जाट आरक्षण आंदोलन महापड़ाव में महिलाओं ने भी संभाला मोर्चा
भरतपुर (प्रा.सं)। केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर, धौलपुर जाट समाज द्वारा उच्चैन उपखंड के गांव जयचोली में महापड़ाव ( Mahapadav) का शुक्रवार को तीसरा दिन है तीसरे दिन यह आंदोलन उस समय रंगत में आ गया जब आस पास के गांव की महिलाए हाथो मे लाठी डंडे लेकर महापड़ाव में पहुंची महिलाओ ने सरकार से केंद्र में आरक्षण की मांग की और सरकार को चेतावनी भी दी है अगर 22 जनवरी तक हमारी मांग मान ली जाए तो ठीक नही तो आर पार की लडाई लड़ने के साथ दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया जाएगा।
महिलाओ के जोश को देख प्रशासन भी हरकत में आ गया है जाट समाज (Jat community) की महिलाओ ने कहा है कि वह आगे रहेगी और उनके पुरूष पीछे क्योंकि यह हम सरकार से भीख नहीं मांग रहें अपना हक मांग रहे है सरकार अगर प्यार से बात मानती है तो ठीक नही तो आर पार की लडाई लड़ने के लिए व्यक्तियों के साथ महिलाएं भी तैयार है महिलाओ का कहना है कि हमें अपनी मांग मगवाने के लिए दिल्ली तक जाना पड़े हम जायेंगे क्योंकि हमारे बच्चों के भविष्य की बात है संघर्ष समिति के संयोजक ने कहा कि जाट समाज के लिए केंद्र आरक्षण की मांग को लेकर 17 जनवरी से गांधीवादी तरीके से आंदोलन की शुरुआत की है। 22 जनवरी को भगवान श्री राम के उद्घाटन का कार्यक्रम है। जाट समाज हमेशा अनुशासित रहा है। जाट समाज ने सोच समझ कर यह निर्णय लिया है कि 22 जनवरी तक हम किसी तरह का रोड जाम और रेल्वे ट्रेक जाम नहीं करेंगे। राज्य व केंद्र सरकार आंदोलनकारियों की शांति को कमजोरी समझने को भूल न करे अगर 22 जनवरी तक सरकार हमारी मांग मानती है तो ठीक नही तो दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया जायेगा यह सन 1998 से आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं 2013 में मनमोहन सिंह की सरकार ने 9 राज्यों सहित भरतपुर (Bharatpur) और धौलपुर (Dholpur) के जाटों को आरक्षण दिया था लेकिन 2015 में भाजपा की सरकार बनती ही सुप्रीम कोर्ट की सहयोग से आरक्षण खत्म कर दिया राजस्थान (Rajasthan) में 2017 में वसुंधरा सरकार (Vasundhara sarkar) ने आरक्षण दे दिया लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इन्हें आरक्षण नहीं दिया है इसी की मांग को लेकर के यह है आंदोलन कर रहे हैं।
सौजन्य: प्रतःकाल
नोट: यह समाचार मूल रूप सेpratahkal.com में प्रकाशित हुआ है |और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से मानव अधिकार के लिए किया गया था।