Gonda News: दलित की हत्या मामले में सजायाफ्ता प्रधानाध्यापक बर्खास्त
गोंडा। तरबगंज थाना क्षेत्र में 26 साल पहले दलित की हत्या के मामले में दंडित प्रधानाध्यापक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया है। प्रधान की शिकायत, साक्ष्यों और डीएम, सीडीओ की सहमति व डीजीसी (क्रिमिनल) की विधिक राय के बाद विभागीय कार्रवाई हुई।
इसके बाद शिक्षक की बर्खास्तगी का आदेश जारी हो गया। बर्खास्त शिक्षक ने विभागीय आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने की बात कही है।
तरबगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम जमथा के प्रधान वेंकटेश्वर कुमार पांडेय ने 22 अन्य लोगों के नोटरी शपथ पत्र के साथ जिलाधिकारी को शिकायत की थी। इसमें कहा कि साल 1997 में एक दलित व्यक्ति की हत्या में प्राथमिक विद्यालय जमथा (कंपोजिट) के प्रधानाध्यापक शिवकुमार सिंह को आठ दिसंबर 2010 को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा दी है।
अपील दाखिल करने पर उच्च न्यायालय से जमानत मिली और दोषसिद्ध निर्णय आदेश के क्रियान्वयन को बिना स्थगित किए ही सेवा में बहाली व जेल में बिताई गई अवधि का वेतन आदि भुगतान किया जाना अविधिक है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने प्रकरण की जांच के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक और नगर मजिस्ट्रेट को नामित किया।
दोनों अधिकारियों ने विस्तृत जांच की और जिलाधिकारी को प्रेषित रिपोर्ट में कहा कि प्रधानाध्यापक शिवकुमार सिंह की सजा समाप्त नहीं हुई है। महज अर्थदंड आधा हुआ है।
दंड के विरुद्ध उच्च न्यायालय में दाखिल की गई अपील अभी भी विचाराधीन है, जबकि उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में यह प्रावधान है कि दोषसिद्ध व्यक्ति सेवा के लिए पात्र नहीं होगा।
जांच के दौरान प्रधानाध्यापक शिवकुमार सिंह ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि न्यायालय के दंडादेश के खिलाफ उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में अपील दाखिल कर रखी है।
जांच टीम ने प्रकरण के तथ्यों से जिलाधिकारी को अवगत कराया तो उन्होंने शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) से विधिक राय लेने का आदेश दिया। शासकीय अधिवक्ता के अनुसार, किसी आपराधिक आरोप के आधार पर न्यायालय में दंडित कर्मचारी ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर दी है तो उसके निर्णय का इंतजार किए बिना भी उसे पद से हटाया जा सकता है।
इसके लिए किसी जांच की भी आवश्यकता नहीं है। इसके बाद जिलाधिकारी ने कार्रवाई का निर्देश दिया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद्र यादव ने आदेश जारी कर प्रधानाध्यापक शिवकुमार सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि यह आदेश उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में योजित क्रिमिनल अपील सुमेर कुमार सिंह व अन्य बनाम उप्र सरकार व अन्य में पारित अंतिम निर्णय के अधीन होगा।
सौजन्य: अमर उजाला
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