दलित अभियंताओं ने बिजली कंपनियों पर शोषण का लगाया आरोप
लखनऊ, 09 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं ने शनिवार को बैठक की।
इसमें बिजली कंपनियों पर दलित अभियंताओं को परेशान करने का आरोप लगाया और प्रबंधन के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया। एसोसिएशन ने पावर कार्पोरेशन से जल्द हस्तक्षेप करने की मांग की। एसोसिएशन का कहना है कि लेसा सर्किल दो में अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार को अकारण स्थानांतरण करने और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा सार्वजनिक तौर पर उनका स्थानांतरण निरस्त करने का आदेश देने के बाद भी मध्यांचल प्रबंधन ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की। इससे दोहरा मापदंड दिखता है।
पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने मुद्दा उठाया और कहा कि चिनहट खंड में दो भारी भरकम बिल्डरों ने दबाव बना रखा है और अपना अनुचित काम कराने के लिए मध्यांचल विद्यु त वितरण निगम के कुछ उच्चधिकारियों का उनको अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन मिल रहा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर संगठन के पदाधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से भी मिलकर बताएंगे।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के.बी. राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आर. पी. केन संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, राजेश कुमार, जय प्रकाश, घनश्याम, रामबाबू, अक्षय कुमार आदि ने कहा कि दलित और पिछले वर्ग के अभियंताओं के मामले में ही इस प्रकार का दो हरा मापदंड अपनाया जाता है। जब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा द्वारा किसी अभियंता के कार्यों की आम जनता में प्रशंसा पर उनका स्थानांतरण निरस्त करने का फरमान सुना दिया।
सौजन्य-हिन्दुस्थान समाचार
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