जौनपुर: 6 दिसंबर को परिनिर्वाण की रात बाबा साहब की मूर्ति तोड़ी, प्रशासन ने लगवाई
इसी साल अक्टूबर में खबर आई थी कि अमेरिका में पूरे सम्मान के साथ बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाई गई है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा का औपचारिक रूप से अनावरण अमेरिका के मैरीलैंड शहर में किया गया।
19 फीट ऊंची इस स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी के अनावरण समारोह में अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक भारतीय-अमेरिकी भारत और अन्य देशों के कई लोग शामिल हुए। लेकिन भारत में स्थिति इसके उलट है।
जिस देश के लिए बाबा साहेब ने संविधान के रूप में अमूल्य धरोहर देकर सभी को समानता के अवसर उपलब्ध कराए व कुरीतियों पर कुठाराघात किया, उसी देश में यानि अपने खुद के ही देश में बाबा साहेब एक वर्ग द्वारा लगातार उपेक्षित किए जाते रहे हैं। सामंती वर्गों द्वारा बाबा साहेब के अपमान की घटनाएं आए दिन सामने आती रही हैं। ऐसी ही एक घटना बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस यानि 6 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के एक गांव में घटित हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जौनपुर जिले के सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र के भाकुरा गांव में 6 दिसम्बर की रात प्रतिमा को अराजक तत्वों द्वारा तोड़ा दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों तथा ग्राम प्रधान का कहना है कि 6 दिसंबर की शाम को गांव के विनय कुमार द्वारा महापरिनिर्वाण दिवस को लेकर बाबा साहब की प्रतिमा के पास दीया जलाकर श्रद्धाजली अर्पित की जा रही थी। इस दौरान वहां उपस्थित लोग बाबा साहब का नारा लगा रहे थे कि तभी कुछ अज्ञात लोग वहां आकर भद्दी – भद्दी तथा जातिसूचक गालियां देने लगे।
रिपोर्ट्स में आगे कहा गया है कि विनय कुमार द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश करने पर उन्होंने उसे मारना पीटना शुरू कर दिया और उसी रात बाबा साहब की प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त कर दी गई। ग्रामीणों का आरोप है कि जिन्होंने हमारे गांव के बच्चे को मारा पीटा है, उनके द्वारा ही मूर्ति को भी तोड़ा गया है। इस मामले को लेकर थाना सराय ख्वाजा को सूचित किया गया है जानकारी मिलते हैं मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच कार्यवाही में जुट गई।
जैसे ही यह खबर आग की तरह फैली वैसे ही कई संगठन और राजनीतिक पार्टियों के लोग वहां पर पहुंचे और मूर्ति को लगवाने तथा जिसने भी प्रतिमा को तोड़ा है उसपर कार्यवाही करने की मांग करने लगे। सूचना पर पहुंचे क्षेत्र अधिकारी सिटी द्वारा मूर्ति लगवाने की बात कही गई, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए। अधिकारियों ने मूर्ति को आनन फानन में लगवा दिया गया।
सौजन्य-सबरंग इंडिया
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