अमृतकाल में दलितों पर अत्याचार में इज़ाफा, चौंकाने वाले आंकड़े आए !
दलितों के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बारे में जो आंकड़े सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं। जब देश आज़ादी का अमृत काल मना रहा है, तब देश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ संगीन जुर्म लगातार बढ़ रहे हैं।
2021 के मुकाबले 2022 में दलितों पर अपराध ज्यादा
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में SC-ST के खिलाफ अपराध के मामलों में इजाफा हुआ है। SC के खिलाफ कुल 57,582 और ST के खिलाफ अपराध के कुल 10,064 केस दर्ज किए गए, जो 2021 के मुकाबले 13.1% और 14.3% ज्यादा हैं।
आखिर कब थमेगा ये अत्याचार ?
दलितों पर आए दिन तमाम तरह के जुल्म ढहाए जा रहे हैं। एक तरफ देश आज़ादी का अमृत काल मना रहा है, भारत चांद पर तिरंगा लहरा रहा है और दूसरी तरफ भारत देश के ही नागरिक अपने ही देश के दलित नागरिकों के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दे रहे हैं। सवाल उठता है कि आखिर दलितों पर हो रहा ये अत्याचार कब थमेगा? सवाल तो ये भी है कि चुनाव के वक्त दलितों के घरों में खाना खाने का नाटक करने वाले नेता, दलितों को सुरक्षित माहौल देने में क्यों नाकाम हो रहे हैं?
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सौजन्य- The shudra
नोट : समाचार मूलरूप से theshudra.com में प्रकाशित हुआ है| मानवाधिकारों के प्रति सवेदन शीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित