दिल्ली: दलित अधिकार और सामाजिक न्याय की मांग को लेकर जुटे हज़ारों लोग
सोमवार 4 दिसंबर को देश के विभिन्न राज्यों से हज़ारों की तादाद में जनता दलित अधिकार और सामाजिक न्याय के सवाल पर दिल्ली में जुटी इस रैली में अलग-अलग विचारों, धर्मों, जातियों, क्षेत्रों, भाषा और राजनीतिक विचारों के लोग व संगठन शामिल हुए।
हैदराबाद सम्मलेन में ही तय हुआ कि भाजपा से वैचारिक और राजनीतिक लड़ाई लड़ने की जरूरत है। आरएसएस और भाजपा को जनता में बेनक़ाब करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। राज्यों में अधिवेशन कर वहां के संगठनों को भी आंदोलन में शामिल किया गया है |
खतरनाक बात यह है कि एक तरफ भाजपा की सरकार के कार्यकाल में दलितों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती गई है लेकिन दलितों के भीतर बीजेपी की चुनावी पहुंच बढ़ी है। इसका प्रमुख कारण है भाजपा का दलितों के भीतर भी पहचान और हिंदुत्व के प्रभुत्व की राजनीति। इसलिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है भाजपा का असली चेहरा सबके सामने उजागर करना।
सौजन्य- न्यूज़ क्लिक
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