Aligarh News: नवोदय विद्यालय में अध्यापक से दलित बच्चों को शिकायत करना पड़ा भारी, बैट और विकेट से जमकर पीटा
अलीगढ : अभिभावकों का कहना है कि हमने प्रधानाध्यापक से बात की लेकिन, उसके उपरांत भी प्रधानाध्यापक ने ध्यान नहीं दिया। बच्चों ने प्रधानाचार्य को यह भी बताया कि इन बच्चों ने पहले भी हमला बोला था। जिसकी शिकायत हमने की थी।
अलीगढ़ जनपद के सुजानपुर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्यापक से शिकायत करना दलित बच्चों को भारी पड गया। शिकायत से नाराज बच्चों ने बैट और विकेट से दलित बच्चों की पिटाई कर दी। प्रधानाध्यापक से शिकायत करने के बाद भी आरोपी बच्चों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही घायल बच्चों का मेडिकल करवाया गया। घायल बच्चों के परिजनों ने खैर कोतवाली के एसएचओ से शिकायत की है। शिकायत पर एसएचओ ने बच्चों को मेडिकल करवाने का आदेश दिया है।
बता दें कि अलीगढ़ खैर कोतवाली थाना क्षेत्र में अलीगढ़ पलवल मार्ग के सुजानपुर में जवाहर नवोदय विद्यालय है। नवोदय विद्यालय में बच्चों को प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद दाखिला मिला है। नवोदय विद्याल में प्रवेश मिलने के बाद बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार उठाती है। लेकिन सुजानपुर स्थित नवोदय विद्यालय में दलित बच्चों के साथ कई बार मारपीट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला है।
यह है पूरा मामला
जवाहर नवोदय विद्यालय में बच्चे शोर मचा रहे थे। अध्यापक के द्वारा कक्षा में शोर मचाने वाले बच्चे का नाम पूछा गया, जिसके बाद अन्य छात्रों ने उसका नाम अध्यापक को बता दिया। जिससे नाराज कक्षा 10 के एक छात्र ने छुट्टी के दौरान अन्य छात्रों को बुलाकर बैट तथा विकेट से कई बच्चों को एक-एक कर चोटिल कर दिया। जिसकी शिकायत बच्चों ने मौजूद प्रधान अध्यापक से की। लेकिन, एक दिन बीत जाने के बाद भी प्रधानाध्यापक ने आरोपी बच्चों के खिला फ नहीं की गई। जिन्होंनेन्हों नेदलित बच्चों में पिटाई लगाई थी। घायल बच्चों ने अपने अभिभावकों को सूचना दी।
अभिभावकों का कहना है कि हमने प्रधानाध्यापक से बात की लेकिन, उसके उपरांत भी प्रधानाध्यापक ने ध्यान नहीं दिया। बच्चों ने प्रधानाचार्य को यह भी बताया किइन बच्चों ने पहले भी हमला बोला था। जिसकी शिकायत हमने की थी। लेकिन आज तक अमल नहीं लाया गया। आखिर ऐसे जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले अध्यापक द्वारा बताया गया कि इनको मेडिकल की जरूरत थी। लेकिन हमने बाहर ले जाना उचित नहीं समझा। प्रधानाचार्य ने यह भी माना कि बच्चों के चोटें है। लेकिन मेडिकल परीक्षण लेकिन मेडिकल परीक्षण क्यों नहीं करवाया यह सबसे बड़ा सवाल है
सौजन्य : न्यूज़ ट्रैक
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