अव्यवस्था के बीच अपनी ही जमनी पर खानाबदोश की तरह रहने को मजबूर दलित परिवार
नवादा जिले के रजौली प्रखंड क्षेत्र के हरदिया में अतिक्रमण का हवाला देकर एक वर्ष पूर्व दर्जनों दलित और महादलित परिवार के घरों पर बुलडोजर चलाकर उनके सपनों के आशियाना को जमींदोज कर दिया।
अतिक्रमण का शिकार हुए सभी ग्रामीणों में अधिकांश दलित और महादलित परिवार शामिल हैं। ऐसे में इन गरीब दलित और महादलित परिवार के झुग्गी झोपड़ियों के नष्ट होने के बाद रात गुजारने के लिए कोई ठिकाना नही बचा है।जिससे छोटे बच्चे और बुजुर्गों ठंड में रहने को मजबूर है। संवेदनहीनता का आलम यह है कि जिनके कंधों पर इनके दुःख दर्द बांटने की जिम्मेवारी है उन जनप्रतिनिधियों ने भी इनसे अपना मुंह मोड़ लिया है और इन सब से दूरी बना लिया है।
अतिक्रमण के शिकार पीड़ित परिवारों ने बताया कि हमलोग आज से ठीक 35 से 40 वर्ष पहले सिंगर,भीतियाही,और मरमो से विस्थापित हुए थे और जमीन का सीमांकन ना होने के कारण हमलोगों का जमीन कहां आवंटन हुआ है। इसकी जानकारी सिंचाई विभाग के द्वारा नही दी गई है। तब से आजतक हमलोग यही झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे थे।हमलोगों की स्थिति इतनी खराब है कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नही पाता है ऐसे स्थिति में घर कहां से बना पायेंगे।
सौजन्य : Tarun mitra
नोट : समाचार मूलरूप से tarunmitra.in में प्रकाशित हुआ है| मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित