ओडिशा की दीपा साहू को मिलेगा राष्ट्रपति पुरस्कार, ट्रांसजेंडर के रूप में PhD की डिग्री हासिल कर रचा इतिहास
कटक की दीपा साहू ने न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बल्कि सभी के लिए एक मिसाल पेश की है। उन्होंने साबित कर दिखाया कि अगर मन में जज्बा हो और साथ में कड़ी मेहनत करते रहे तो इंसान बुलंदियों को हासिल कर सकता है। दीपा पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाली देश की पहली ट्रांसजेंडर हैं जिन्हें अब राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
भुवनेश्वर। कटक की दीपा साहू पीएचडी की डिग्री के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली ट्रांसजेंडर होंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में उन्हें सम्मानित करेंगी। दीपा को राष्ट्रपति भवन से एक पत्र के जरिए इसकी जानकारी दी गई है।
पूरे देश को है दीपा पर गर्व
राष्ट्रपति भवन से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार को गर्व महसूस होता है कि सुश्री दीपा साहू (टीजी) पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाली देश की पहली ट्रांसजेंडर हैं इसलिए आपका नाम राष्ट्रपति पुरस्कार 2023 के लिए चुना गया है।
यह आपको प्रदान किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए आपको 30 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति भवन में उपस्थित होने के लिए सूचित किया जाता है।
खबर मिलने के बाद खुशी से झूम उठी दीपा
यह खबर मिलने के बाद दीपा के मन में खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वह खुशी से झूम उठी। इसी के साथ दीपा ने ट्रांसजेंडर्स के लिए एक खास मिसाल पेश की है।
छठवीं कक्षा यानी 12 साल की उम्र से दीपा लड़कियों की तरह व्यवहार करने लगी। बाद में वह परिवार की निंदा के साथ समाज की नजरों में नफरत और तानों का शिकार हो गयी, लेकिन वह हार नहीं मानी। अपने लक्ष्य को मजबूत करते हुए उन्होंने उत्कल विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
एक दुर्घटना में खो दी अपनी आवाज
विडंबना यह है कि दीपा ने आठ साल पहले एक दुर्घटना के बाद अपनी आवाज खो दी। उसके बाद से वह बोल नहीं पा रही हैं। गले की सर्जरी के बाद वह अब ठीक हैं। उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति पुरस्कार जीवन की इस यात्रा के दौरान उनके मनोबल को और मजबूत करेगा।
दीपा को मिला संघर्षों का परिणाम
दीपा की दोस्त सुप्रभा स्वांई ने उनकी ओर से कहा कि वह (दीपा) देश की पहली ट्रांसजेंडर पीएचडी धारक के रूप में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुने जाने से बेहद खुश हैं। स्वांई ने कहा कि दीपा को लगता है कि उसे अपनी कड़ी मेहनत और अपने जीवन में सामना किए गए संघर्षों के कारण परिणाम मिले हैं।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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