उत्तर प्रदेश: गोण्डा दलित रमई के हत्याकांड में शामिल कौन ?
उत्तर प्रदेश: गोण्डा जनपद के तरबगंज थाना के पकड़ी के दलित रमई हत्या कांड का मास्टरमाइंड कौन है इस बात का पता लगाने के लिए NCR समाचार की टीम लगातार पड़ताल कर रही है और पर्दाफास करने का प्रयास कर रही है। प्रेस वार्ता में राधेश्याम दूबे ने बताया कि, 2004 से ही उनको अपराधी बनाने की साजिश विपक्षियों द्वारा रची जा रही है।
उत्तर प्रदेश: गोण्डा दलित रमई के हत्याकांड में शामिल कौन ?
उत्तर प्रदेश: गोण्डा जनपद के तरबगंज थाना के पकड़ी के दलित रमई हत्या कांड का मास्टरमाइंड कौन है इस बात का पता लगाने के लिए NCR समाचार की टीम लगातार पड़ताल कर रही है और पर्दाफास करने का प्रयास कर रही है। प्रेस वार्ता में राधेश्याम दूबे ने बताया कि, 2004 से ही उनको अपराधी बनाने की साजिश विपक्षियों द्वारा रची जा रही है।
उत्तर प्रदेश: गोण्डा जनपद के तरबगंज थाना के पकड़ी के दलित रमई हत्या कांड का मास्टरमाइंड कौन है इस बात का पता लगाने के लिए NCR समाचार की टीम लगातार पड़ताल कर रही है और पर्दाफास करने का प्रयास कर रही है। प्रेस वार्ता में राधेश्याम दूबे ने बताया कि, 2004 से ही उनको अपराधी बनाने की साजिश विपक्षियों द्वारा रची जा रही है। जब भी उन पर आरोप लगाया जाता है तब तब अपराध साबित नहीं हो पाने के कारण उनको निर्दोष करार दिया जाता है और विपक्षियों के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाते। वर्ष 2004 में रमई के पैर में गोली मरवाकर उन पर आरोप लगाया गया तब भी न्यायालय में राधेश्याम दूबे का नाम गलतनामजदगी पायी गई और दोषी कोई और साबित हुआ। राधेश्याम दूबे पर मारपीट बलबा का भी मुकदमा पंजीकृत किया गया 4 बार जाँच करने पर अंतिम रिपोर्ट में भी निर्दोष साबित हुए।
बार-बार उनको अपराधी बनाने का प्रयास विपक्षी कर रही है और जाँच में वह निर्दोष साबित पाये जाते हैं।वह नारको टेस्ट करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन विपक्षी वादी, गवाह और चार अभियुक्त जिन पर आरोप लगाया गया है। नारको टेस्ट से पीछा छुड़ा कर भाग रहे हैं। बात 4 जून 2017 की है आधी रात को रमई की गोली मारकर हत्या की जाती है और आरोप लगाया जाता है राधेश्याम दूबे सहित तीन लोगों पर। इलाज के दौरान तरबगंज के सी एच सी के डॉक्टर तथा जिला अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा रमई से पूछने पर रमई ने बताया कि, उन्होंने किसी को नहीं देखा गोली मारते हुए तथा विवेचना अधिकारी के केस डायरी में डॉक्टरों के बयान भी अंकित किये गए हैं, जिससे राधेश्याम दूबे पर लगे आरोप निराधार बताये गए। जहाँ पर राधेश्याम दूबे का कहना है कि, हत्या वाले समय पर उनके यहाँ उनके लड़के का जनेऊ संस्कार के उपलक्ष्य में प्रीतिभोज का कार्यक्रम था और हजारों की संख्या में गाँव के लोग, राजनैतिक क्षेत्र के लोग उनके यहाँ उनके साथ उपस्थित थे जो वीडियो में रिकॉर्ड है। जब-जब इन पर जांच होती है और प्रशासन द्वारा निर्दोष तथा गलत नामजदगी साबित होते ही जाँच ट्रांसफर करवा दी जाती है।
विवेचना बदलवाने के मामले में राधेश्याम दूबे ने सांसद बृज भूषण शरण सिंह के बारे में कहा कि मेरा सांसद के प्रति कोई भी विरोध नहीं है और न ही मैंने उनके लेटर पैड का कभी भी इस्तेमाल किया, जबकि लेटर पैड का उपयोग राधेश्याम दूबे के ही विरुद्ध किया गया। राधेश्याम दूबे ने यह भी कहा कि, पीड़ित परिवार स्वयं ही न्याय नहीं चाहता असली कातिल को पकड़वाने के बजाय जाँच में ही फेरबदल करवाने की कोशिश में लग जाता है। यह इसलिए कि रमई के हत्या में रमई की पत्नी और बेटे के संज्ञान में हत्या की गई है।
सीबीसीआईडी की जाँच में भी राधेश्याम दूबे सहित तीन लोगों का नाम गलतनाम जदगी पाया और निर्दोष साबित करते हुए क्लीन चिट दे दिया। जिन चार लोगों पर आरोप लगाया गया है। वह फरार हैं विवेक कुमार सिँह उर्फ़ पप्पू, राजेंद्र सिंह उर्फ़ गुड्डू, हनुमान दूबे, राजेंद्र पाण्डेय उर्फ़ तीतर पुलिस इन चार लोगों की तलाश में जुटी हुई है। राधेश्याम दूबे का कहना है कि, इस घटना के पीछे क्षेत्र के ही सुरेश शुक्ला का हाथ है और प्रेस वार्ता के अंत में राधेश्याम दूबे ने यह भी कहा कि, शासन जो भी निर्णय लेगा मुझे स्वीकार है और मुझे कोई भी आपत्ति नहीं है। मुझे पूर्ण विश्वास है सत्य की हमेशा जीत होती है।
सौजन्य :एनसीआर समाचार
दिनांक :03 नवम्बर 23
नोट : समाचार मूल रूप से: ncrsamacharlive.in में प्रकाशित हुआ है मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित |