‘एथिक्स कमेटी के चेयरमैन दलित हैं, इसीलिए बनाया निशाना’: महुआ मोइत्रा पर BJP का गंभीर आरोप
संसद में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने के मामले में गुरुवार को एक नया मोड़ आ गया है। इस मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से महुआ मोइत्रा की शिकायत करने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोपी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि कमेटी में जो कुछ हुआ वह संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन है।
इस मामले में एथिक्स कमेटी ने गुरुवार को महुआ मोइत्रा को जवाब देने के लिए बुलाया था। लेकिन, दुबे का आरोप है कि महुआ ने न केवल समिति की प्रक्रिया को लेकर जनता के बीच गलत नरेटिव रखने की कोशिश की है, बल्कि उन्होंने इसके चेयरमैन विजय सोनकर के खिलाफ भी गलत बयानबाजी की है, क्योंकि वे अनुसूचित जाति से आते हैं।
‘अनुसूचित जाति के व्यक्ति का एथिक्स कमेटी चेयरमैन बनने उन्हें पच नहीं रहा’ निशिकांत दुबे ने कहा, ‘उन्होंने (महुआ मोइत्रा) जनता के सामने गलत नरेटिव पेश करने की कोशिश की, उन्हें यह नहीं पच रहा कि अनुसूचित जाति का कोई व्यक्ति, विजय सोनकर एथिक्स कमेटी के चेयरमैन कैसे बन गए और वे उनके खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.
संसदीय इतिहास का काला दिन- निशिकांत दुबे दुबे ने कहा कि, ‘…..मैं और (अनंत) देहाद्राई गवाह के तौर पर गया था और महुआ मोइत्रा एक आरोपी के रूप में गई थीं। हालांकि, उन्होंने इंटरव्यू दिए और एथिक्स कमेटी के अंदर जो कुछ हुआ, उसका जिक्र किया., उन्होंने जनता में एक गलत नरेटिव सेट करने की कोशिश की, आज जो कुछ भी हुआ वह संसदीय इतिहास का काला दिन है.
उन्होंने जो किया वह गलत था- अपराजिता सारंगी लोकसभा की एथिक्स कमेटी की बैठक के बाद बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, ‘संसदीय स्टैंडिंग कमेटी की कार्यवाही स्वाभाविक रूप से गोपनीय होती है, इसीलिए उन्होंने (टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा) जो किया वह गलत था। वे बाहर आए और उन्होंने कमेटीके बारे में, कमेटी के भीतर चल रही गतिविधियों के बारे में जो बातें कहीं वह गलत थीं, उन्हें यह नहीं करना चाहिए था, ये बहुत ही गोपनीय चीजें होती हैं.
‘उन्होंने चेयरमैन और सदस्यों के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया’ सारंगी ने आगे कहा, ‘महुआ मोइत्रा का व्यवहार निंदनीय था ! उन्होंने हमारे चेयरमैन और कमेटी के सभी सदस्यों के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया, कमेटी के अध्यक्ष हीरानंदानी के हलफनामे की बातों बारे में सवाल पूछे जा रहे थे और वह उनका जवाब नहीं देना चाहती थीं, और फिर उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया!
महुआ पर संसद में सवाल पूछने के लिए दुबई के कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत और अन्य सुविधाएं लेने के आरोप हैं। आरोपों के मुताबिक उन्होंने उनसे पैसे लेकर उद्योगपति गौतम अडाणी को संसद में निशाना बनाया और इसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बिगाड़ने की कोशिश की। हीरानंदानी बिजनेस में अडाणी ग्रुप के प्रतिद्वंद्वी हैं। इसी मामले की जांच लोकसभा के स्पीकर के कहने पर एथिक्स कमेटी कर रही है।
सौजन्य : One india
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