फोर्ड मोटर्स और हड़ताली कर्मचारियों के बीच ऐतिहासिक समझौता
जीएम और स्टेलेंटिस (GM and Stellantis) में हड़तालें और बातचीत जारी है और इन प्रबंधनों ने भी जल्द ही वेतन समझौता करने का वादा किया है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि फोर्ड समझौते ने कई अन्य उद्योगों के लिए भी मानक स्थापित किया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के डेट्रॉइट में तीन बड़ी ऑटो कंपनियों- फोर्ड, जीएम और स्टेलेंटिस (पूर्व में क्रिसलर) के लगभग 45,000 ऑटो कर्मचारी सितंबर के मध्य से अपनी यूनियन-यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स (UAW) के नेतृत्व में हड़ताल पर थे। यूएडब्ल्यू ने साढ़े चार साल की अवधि के लिए 40% वेतन वृद्धि की मांग के साथ आंदोलन की शुरुआत की। जीएम ने 10% बढ़ोतरी की पेशकश की, जिसे UAW ने “अपमानजनक प्रस्ताव” के रूप में खारिज कर दिया। फोर्ड मोटर्स ने शुरू में केवल 15% की पेशकश की लेकिन फिर कंपनी पर हड़ताल के आर्थिक प्रभाव के डर से पीछे हट गई। फोर्ड मोटर्स के कर्मचारियों को पहली सफलता 25 अक्टूबर 2023 को मिली जब फोर्ड प्रबंधन ने 11% की तत्काल बढ़ोतरी के साथ शुरू करते हुए साढ़े चार साल की अवधि में क्रमिक 25% वेतन वृद्धि के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जीवन यापन की लागत में वृद्धि को बेअसर करने के लिए अन्य प्रावधानों को ध्यान में रखकर कुल वेतन वृद्धि में औसतन 33% की वृद्धि होगी।
ऑटो उद्योग संकट ने श्रमिकों को संघर्ष से नहीं रोका
यह सौदा न केवल वेतन वृद्धि की मात्रा के कारण महत्वपूर्ण है बल्कि यह बिजनेस प्रेस द्वारा प्रचारित इस सिद्धांत को खंडित करता है कि अमेरिकी ऑटो उद्योग संकट का सामना कर रहा है! इसलिये अमेरिका में ऑटो श्रमिकों के पास रक्षात्मक रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने संकट की एक डरावनी तस्वीर पेश की जिसमें 3 बड़ी ऑटो कंपनियों के साथ-साथ कई जीवाश्म ईंधन कंपनियों और उनकी सहायक कंपनियों को टेस्ला जैसे इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं से बाजार में निरंतर हमले का सामना करना पड़ रहा है। यह तब हुआ जब वे पहले से ही चीनी, दक्षिण कोरियाई और जापानी ऑटो निर्माताओं से कड़ी प्रतिस्पर्धा के तहत परेशान हो रहे थे। कई टिप्पणीकारों ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी ऑटो उद्योग पतन के कगार पर है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था का स्वास्थ्य भी अच्छी स्थिति में नहीं था। कई अर्थशास्त्री सुस्ती (slowdown), और यहां तक कि मंदी (recession) की चेतावनी दे रहे थे और ऐसी स्थितियों में ऑटो कंपनियां वेतन लागत में बड़ी वृद्धि नहीं कर सकतीं।
लेकिन मजदूरों को कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने संकट को अपने हितों की रक्षा के अवसर के रूप में देखा। आख़िरकार, श्रमिकों ने अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति का प्रभाव, ऑटो निर्माताओं की तुलना में, खुद कहीं अधिक महसूस किया। श्रमिकों की वास्तविक आय में गिरावट वाहन निर्माताओं के लाभ मार्जिन में गिरावट से कहीं अधिक थी।
यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स (UAW) कायापलट
कई कट्टरपंथियों ने UAW को एक सुधारवादी और उच्च नौकरशाही, कॉर्पोरेट-कार्यालय-जैसे व्यापार ट्रेड यूनियन के रूप में हमेशा के लिए खारिज कर दिया था। उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी कि इससे कभी कुछ अच्छा निकलेगा। लेकिन जब तक यह ऑटो श्रमिकों के समूह का वर्ग संगठन बना हुआ है तब तक वर्ग संघर्ष की गतिशीलता ने ही उसे जीवित रखा है। कार्यकर्ताओं के गुस्से से मजबूर होकर उसने अचानक उग्र रुख अपना लिया। UAW के नए नेता शॉन फेन, जिन्हें बातचीत में कट्टरपंथी के रूप में जाना जाता है, ने एक तेजतर्रार छवि हासिल की है। आश्चर्यजनक रूप से UAWपिछले दशक में अमेरिकी ऑटो श्रमिकों की शायद सबसे बड़े वर्ग संघर्ष का स्रोत बन गया।
वास्तव में, 2019 में कई कर्मचारी खुले तौर पर उसी UAW नेतृत्व के आलोचक बन गए थे। 2019 में, UAW ने ऑटो कर्मचारियों की हड़ताल शुरू की। जेनरल मोटर्स (GM) में नए वेतन समझौते के लिए 48,000 कर्मचारियों की हड़ताल 40 दिनों तक चली। छह सप्ताह तक चली हड़ताल के कारण श्रमिकों को वेतन में लगभग 1 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। GM प्रबंधन को 2 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। अंततः UAW ने श्रमिकों के हितों से कुछ हद तक समझौता करते हुए एक ख़राब सौदा किया। 2019 के सौदे में, उन्होंने वैकल्पिक वर्षों में 3% वेतन वृद्धि और 4% एकमुश्त वृद्धि (यानी, डीए सहित) पर समझौता किया। इसका मतलब है कि चार साल बाद उनकी कुल वेतन वृद्धि केवल 8% होती। उसकी तुलना में प्रस्तावित 2023 डील में उन्हें इससे तीन गुना ज्यादा पैसा मिलेगा। यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर अमेरिका में भारी मुद्रास्फीति इस कायापलट के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार थी। वर्ग संघर्ष की विडम्बना यह है कि हद दर्ज़े का अवसरवादी, सुधारवादी ट्रड युनियन नेतृत्व भी कभी-कभी प्रगतिशील भूमिका निभाता है।
हड़ताल की लहर
दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि फोर्ड मोटर्स का सौदा न केवल GMऔर क्राइस्लर (Chrysler) के श्रमिकों के लिए बल्कि अन्य ऑटोमोबाइल इकाइयों और आपूर्तिकर्ताओं के श्रमिकों के लिए भी बेंचमार्क बन जाएगा। इतना ही नहीं, फोर्ड पर यह सफल हड़ताल अमेरिका में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की लहर के मध्य हुई है विशेष रूप से रचनात्मक श्रमिकों की 148 दिनों की हड़ताल, 11,500 स्क्रीन-लेखक, ज्यादातर हॉलीवुड से जो राइटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका (Writers’ Guild of America) में आयोजित हुई और 2 मई 2023 से 27 सितंबर 2023 तक जारी रही। यूएस ई-कॉमर्स प्रमुख यूपीएस (UPS) के 340,000 डिलीवरी कर्मचारियों ने भी एक बड़ी हड़ताल की। दरअसल, टाइम पत्रिका ने 5 अक्टूबर 2023 के अंक में अमेरिका में चल रही हड़ताल की लहर में वर्तमान दौर में चल रही हड़तालों को सूचीबद्ध किया था। सारांश देते हुए कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 2023 में 312 प्रमुख हड़तालों में कम से कम 453,000 श्रमिकों ने भाग लिया। टाइम के लेख ने बतया कि हड़तालें न केवल ब्लू-कॉलर श्रमिकों द्वारा की गईं बल्कि परिवहन, मनोरंजन और आतिथ्य उद्योगों तक भी फैल गयीं।
अक्टूबर की प्रमुख हड़तालों में कैसर परमानेंट (Kaiser Permanente) की 75,000 नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियो की हड़ताल शामिल थी जिसमें 25 डॉलर प्रति घंटा वेतन और रिक्त पदों को भरने की मांग की गई थी।
हॉलीवुड में 2023 की गर्मियों में अभिनेताओं और पटकथा-लेखकों की दो बड़ी हड़तालें देखी गईं।
दक्षिणी कैलिफोर्निया में हिल्टन और मैरियट (Hilton and Marriott) सहित हजारों होटल कर्मचारी भी पिछले कुछ महीनों से अधिक वेतन, अधिक स्वास्थ्य देखभाल और उच्च पेंशन की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए।
कई अन्य छोटी हड़तालें भी हुईं। ऑटो कर्मचारियों की हड़ताल ने राजनीतिक रंग ले लिया
ऑटो कर्मचारियों की हड़ताल का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव ऐसा था कि अमेरिकी श्रमिक आंदोलन के इतिहास में एक असामान्य कदम के रूप में, मौजूदा राष्ट्रपति बिडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दोनों ने धरना स्थलों का दौरा किया और हड़ताली श्रमिकों को संबोधित किया व समर्थन व्यक्त किया। अमेरिका में भी एकजुटता की लहर देखी गई जहां कामकाजी लोगों के सभी वर्ग अभिनेताओं, लेखकों और ऑटो श्रमिकों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए सामने आए।
ऑटो प्रमुखों द्वारा धमकियां
यहां तक कि सितंबर के मध्य में हड़तालें शुरू होने के बाद से, तीन बड़े वाहन निर्माताओं ने हड़ताली श्रमिकों के बीच भय का माहौल पैदा करने के लिए अस्थायी कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों की भी छंटनी शुरू कर दी। उन्होंने काम को फिर से शुरू करवाने के लिए स्कैब (यानी, स्ट्राइक-ब्रेकर) का भी इस्तेमाल किया लेकिन असफल रहे क्योंकि स्ट्राइक सम्पूर्ण थी। उन्होंने श्रमिकों और उत्पादन को नए संयंत्रों में स्थानांतरित कर दिया। हड़ताल तोड़ने की इन सभी युक्तियों ने श्रमिकों को हताश नहीं किया।
ऑटो हड़ताल से कुल मिलाकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 9.3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। स्वतंत्र एजेंसियों का अनुमान है कि तीन बड़े ऑटो उद्योगों को अकेले 5.5 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
न्यूनतम वेतन के स्तर को दोगुना करने के लिए समझौता
अमेरिका में न्यूनतम वेतन की ट्रेंडिंग दर 15 डॉलर प्रति घंटा है। डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के दावेदार बर्नी सैंडर्स ने अपने घोषणापत्र में 15 डॉलर प्रति घंटे न्यूनतम वेतन का प्रावधान शामिल किया था। दबाव में उनके दावेदार बाइडेन ने भी इस मांग का समर्थन किया और राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने एक बयान जारी कर अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों से संघीय (federal) न्यूनतम वेतन 15 डॉलर प्रति घंटा तक बढ़ाने की अपील की। यहां तक कि उन्होंने संघीय (federal) ठेकेदारों को न्यूनतम वेतन के रूप में 15 डॉलर प्रति घंटे का भुगतान करने का निर्देश देने वाले एक कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किए। कुछ अमेरिकी प्रांतों ने भी आधिकारिक तौर पर न्यूनतम वेतन 15 डॉलर प्रति घंटा निर्धारित किया है।
फोर्ड-यूएडब्ल्यू सौदे के मामले में, जिस वेतन पर उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं वह 15 डॉलर प्रति घंटे के ट्रेंडिंग न्यूनतम वेतन से दोगुने से भी अधिक है! नए कर्मचारियों के लिए शुरुआती वेतन 28 डॉलर प्रति घंटा होगा। यदि जीवन-यापन भत्ते की लागत को शामिल किया जाए तो कुल राशि लगभग $33 प्रति घंटा होगी। और शीर्ष वेतन वर्ग (top wage brackets) में आने वालों को प्रति घंटा 40 डॉलर मिलेंगे। संकट के दलदल को मात देते हुए यह एक महत्वपूर्ण जीत है। UAW इस प्रचार से निरुत्साहित न था कि किसी भी वेतन वृद्धि से नौकरियां ख़त्म हो जाएंगी।
यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स(UAW) में लोकतांत्रिक कामकाज के शुरुआती संकेत
फोर्ड के साथ प्रस्तावित सौदा अभी भी अस्थायी है। यह तभी प्रभावी होगा जब 57,000 संघबद्ध कर्मचारी साधारण बहुमत से इसे मंजूरी देने के लिए मतदान करेंगे। हालांकि बातचीत में पारदर्शिता की कमी थी और बातचीत की प्रक्रिया में श्रमिकों की बहुत अधिक भागीदारी नहीं रही तथा बातचीत में हर कदम पर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से सलाह नहीं ली गई। अंतिम वीटो शक्ति समझौते के अनुमोदन की प्रक्रिया के माध्यम से श्रमिकों के पास होती है। इस तरह यूनियन नेतृत्व पूरी तरह बिक जाने वाले सौदे से बचता है।
2023 का सौदा 2019 में श्रमिकों को मिली वृद्धि की तुलना में चार गुना से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। 2023 में फोर्ड श्रमिकों के मूल वेतन में वृद्धि 22 वर्षों में सबसे अधिक है। इस वृद्धि के पीछे श्रमिकों की लोकप्रिय इच्छाशक्ति थी।
फोर्ड डील केवल पहला कदम है। जीएम और स्टेलेंटिस (GM and Stellantis) (क्राइसलर) में हड़तालें और बातचीत जारी है और इन प्रबंधनों ने भी जल्द ही वेतन समझौता करने का वादा किया है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि फोर्ड समझौते ने कई अन्य उद्योगों के लिए भी मानक स्थापित किया है। 15 डॉलर प्रति घंटे का नारा अब बहुत पुराना लगता है।
अमेरिका में 2008 की वित्तीय मंदी के कारण कई उद्योगों के बंद होने के बावजूद हड़ताल की लहर नहीं उठी। 2019-20 के कोविड-19 महामारी प्रभाव ने भी हड़ताल की लहर को ट्रिगर नहीं किया था। हालांकि, मुद्रास्फीति की 2022-23 लहर ने ज़रूर ट्रिगर कर दिया है। इन 15 वर्षों में हुए आमूलचूल परिवर्तन से पता चलता है कि पूंजीवादी संकट और श्रमिकों की हड़ताल की कार्रवाई के बीच संबंधों पर सरलीकृत निष्कर्ष निकालना जल्द्बाज़ी होगी।
दक्षिणपंथी विचारकों ने यह घोषणा करने में थोड़ी जल्द्बाज़ी की थी कि श्रमिकों की सामूहिक क्रांतिकारी गतिविधियां समाप्त हो चुकी हैं। उल्लेखनीय दूरदर्शिता के साथ, सामूहिक हड़तालों पर अपने लेख में, कम्युनिस्ट सिद्धांतकार रोज़ा लक्ज़मबर्ग ने ठीक ही घोषणा की थी, “कल क्रांति फिर से उठेगी, अपने हथियारों को टकराएगी और आपको भयाक्रांत करने के लिए वह चमकदार तुरही के साथ घोषणा करेगी: मैं थी, मैं हूं, मैं रहूंगी!” अमेरिकी ऑटो कर्मचारियों ने केवल इसको चरितार्थ किया है। (लेखक श्रम और आर्थिक मामलों के जानकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)
सौजन्य :न्यूज़ क्लिक
दिनाक :29 अक्टूबर20 23
नोट : समाचार मूलरूप से hindi.newsclick.in में प्रकाशित हुआ है मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता केउद्देश्य से प्रकाशित !