दलित किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म के मामले में दोषी को 10 की कैद
फिरोजाबाद में 2004 में किशोरी को अगवाकर दुष्कर्म (Kidnapping and raping a teenage girl) के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को दोषी पाया (found the accused guilty) है. इसके साथ ही अर्थदंड भी लगाया है.
फिरोजाबाद : जिला अदालत ने बुधवार को नाबालिग किशोरी को अगवाकर उसके साथ दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है, जिसे अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.
बहला फुसलाकर ले गए थे किशोरी को:
अभियोजन के मुताबिक थाना मक्खनपुर क्षेत्र निवासी 16 वर्षीय किशोरी चूड़ी का काम करती थी. उसके साथ ऐनुल हक और अफजाल भी काम करते थे. दोनों किशोरी को 20 दिसंबर 2004 को बहलाफुसला कर पहले शिकोहाबाद बस स्टैंड लेकर आए. वहां से उसे रेलवे स्टेशन ले गए. आरोपी ऐनुल ने झाड़ियों में ले जाकर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था. बाद में उसे फिरोजाबाद ले गए. वहां एक कमरे में उसे रखा. यहां ऐनुल ने उसके साथ तीन दिन तक दुष्कर्म किया. उसके बाद दोनों उसे शिकोहाबाद लेकर आए. उसी समय किशोरी का पिता पुलिस लेकर वहा पहुंच गया. पुलिस ने ऐनुल हक को गिरफ्तार कर लिया. घटना की थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. मुकदमा की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट इफराक अहमद की अदालत में हुई.
गवाही और साक्ष्य के आधार पर सनाई सजा :
अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए. गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने ऐनुल हक को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है.कोर्ट ने उस पर 35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.अर्थदंड न देने पर उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इस मामले में न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में अफजल को दोषमुक्त कर दिया.
सौजन्य : Etv bharat
नोट : समाचार मूलरूप से etvbharat.com में प्रकाशित हुआ है मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित !