भैंसदेही विधान सभा में चैतराम के समर्थन में हजारों आदिवासी
निर्णायक भूमिका अदा करते आ रहे हैं यहां के कोरकू मतदाता भीमपुर, भैंसदेही, आठनेर बेल्ट में कोरकू मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक|
बैतूल। पूरे जिले में आदिवासी कोरकू समाज के उत्थान के लिए काम कर रहे समाजसेवी एवं आदिवासी, कोरकू संघर्षशील संगठन के अध्यक्ष चैतराम कास्देकर को निर्दलीय उम्मीदवार बनाने के लिए कोरकू समाज संगठन में बैठक और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।भैंसदेही विधानसभा में आम जनता चैतराम कास्देकर को मैदान में उतारने का निर्णय ले रही है, इसलिए चैतराम कास्देकर को भी उनका फैसला स्वीकार करना पड़ेगा। गौरतलब है कि भैंसदेही विधानसभा एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। कोरकू और गोंड समाज के मतदाता यहां पर निर्णायक भूमिका अदा करते आ रहे हैं। भीमपुर, भैंसदेही, आठनेर बेल्ट में कोरकू मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक बताई जाती है। इस क्षेत्र से जिसने बाजी मारी वह अब तक विधायक बनते आया है। चुनावी सुगबुगाहट के बीच चैतराम के समर्थन में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के एकत्रित होने से अचानक सरगर्मी बढ़ गई है। पूरे क्षेत्र के कई गांवों से एकत्रित हुए ग्रामीणों ने सार्वजनिक रूप से निर्णय लिया है कि चैतराम कास्देकर को निर्दलीय मैदान में उतारा जाएगा। ग्रामीणों के निर्णय पर चैतराम भी सहर्ष तैयार हो गए। विधानसभा क्षेत्र 133 कोरकू समाज के मतदाताओं का कहना है कि पिछले 10 वर्षो से चैतराम समाज में जन जागृति अभियान चला रहे हैं। समाज में एक दूसरे को जोड़ने का काम कर रहे है। पलायन, शिक्षा, नशामुक्ति, किसानों के हित में और शासन प्रशान की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में लगातार प्रयास कर रहे हैं। शोषित और पीड़ित लोगों के लिए आगे होकर, सभी लोगों को सहयोग करते हैं। इनके द्वारा लगातार अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए सेवा कार्य किया जा रहा है। विपरीत परिस्थिति में समाज के लोगों का सहयोग करते है, जनता की सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाकर चल रहे है। गांव-गांव जाकर जन जागरूक करने का प्रयास कर रहे। निश्चित ही आने वाले चुनाव में जनता के बीच चैतराम लोकप्रिय साबित होंगे। इनके नेतृत्व में जिले के 10 विकासखंड में पूर्व समाज संगठन मजबूत हुआ है। भैंसदेही विधानसभा, घोड़ाडोंगरी, आमला, बैतूल में समाज का विशेष प्रभाव है।
सौजन्य :स्कैन न्यूज़ इंडिया
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