MLA को काले झंडे दिखाने पर महिलाओं से धक्का-मुक्की:विधायक का विरोध कर रहीं महिलाओं को खींचकर सभास्थल से निकाला
नागौर के बिदियाद गांव के दो दलित युवकों को बोलेरो से कुचलने के मामले में शनिवार को कुछ लोग परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया का विरोध करने पहुंच गए। बाइक सवार युवकों को 29 अगस्त को बोलेरो कैंपर कार से कुचलकर मार डाला गया था।
विधायक गावड़िया शनिवार सुबह 10 बजे इलाके के बिदियाद गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान पीड़ित परिवार की महिलाओं ने गावड़िया को काले झंडे दिखाए तो पुलिस ने खींचकर उन्हें सभास्थल से निकाल दिया और कथित तौर पर कार्यकर्ताओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की।
बिदियाद गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान हत्याकांड से नाराज पीड़ित परिवार काले झंडे लेकर पहुंचा था। आरोप है कि उन्हें रोकने के लिए पुलिस और आयोजन समिति के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की की।
काले झंडे दिखाने वाले लोगों को पुलिस पकड़कर परबतसर थाने ले गई। इस मामले पर विधायक रामनिवास गावड़िया ने कहा- इस घटना से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। कार्यक्रम से पहले ही विरोधी माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे थे।
तीन विधायकों के खिलाफ दलितों की नाराजगी
राणासर दलित हत्याकांड को लेकर कांग्रेस के तीन विधायकों के खिलाफ दलित समाज ने नाराजगी जाहिर की है। इनमें पतबतसर से रामनिवास गावड़िया, डीडवाना विधायक चेतन डूडी और नावां विधायक महेंद्र चौधरी शामिल हैं।
समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि विधायक सांत्वना देने के लिए भी राणासर नहीं पहुंचे।
लोगों ने कहा कि खास नाराजगी रामनिवास गावड़िया से है, जो परबतसर के विधायक होने के बावजूद पीड़ित परिवार से नहीं मिले। न उनके घर शोक व्यक्त करने गए।
क्या है राणासर दलित हत्याकांड
पिछले महीने डीडवाना जिले के बिदियाद गांव के दो दलित युवकों राजूराम और चुन्नीलाल को राणासर में एक बोलेरो कैंपर कार से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। बाइक पर सवार तीसरा युवक किसनाराम गंभीर रूप से घायल हुआ। तीनों दलित युवक मौलासर में धार्मिक मेले में शामिल होकर राणासर लौट रहे थे।
एक होटल पर उनकी कुछ लोगों से कहासुनी हुई। इसके बाद पीछा कर युवकों की बाइक को पीछे से बोलेरो कैंपर से टक्कर मारी गई और फिर कुचलकर हत्या कर दी गई।
हत्याकांड के विरोध में दलित समाज ने कुचामन थाने के सामने 10 दिन तक धरना दिया था। धरने के दौरान डीडवाना विधायक चेतन डूडी, नावां विधायक महेंद्र चौधरी और परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया सांत्वना देने भी नहीं पहुंचे थे।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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