‘दलित रसोइया के हाथ का खाना नहीं खाओ’… प्रिंसिपल ने बच्चों को बहकाया
उत्तर प्रदेश के महोबा में एक प्राथमिक विद्यालय की प्रिंसिपल पर महिला रसोइया को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है. स्कूल के बच्चों के लिए खाने बनाने वाली महिला अनुसूचित जाति की है. उसका आरोप है कि महिला बच्चों के सामने उसके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करता है. इतना ही नहीं वो बच्चों में भी छुआछूत को बढ़ावा देती हैं. पीड़िता ने अब डीएम से विद्यालय की प्रिंसिपल की शिकायत की है और इंसाफ मांगा है.
यह पूरा मामला महोबा जिले के कुलपहाड़ कोतवाली कस्बा के अंतर्गत आने वाले कटवरिया मोहल्ले में संचालित प्राथमिक विद्यालय का है. इस स्कूल में अनुसूचित जाति की विधवा महिला गीता और स्नेहलता पाठक नाम की दो महिलाएं मिड डे मील का खाना बनाती हैं. महोबा की जिला अधिकारी मृदुल चौधरी को प्रार्थना पत्र देते हुए पीड़ित रसोइया ने विद्यालय की प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
‘प्रिंसिपल कर रही हैं उत्पीड़न’
गीता बताती है कि वह 14 वर्षों से लगातार विद्यालय में बच्चों के लिए खाना बनाती चली आ रही हैं. इस दौरान कई प्रधानाचार्य और अध्यापक यहां से चले गए लेकिन कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई. लेकिन वर्तमान प्रिंसिपल लगातार उनका उत्पीड़न कर रही हैं. वो मुझे अक्सर मेरे खिलाफ जाति सूचक शब्दों का प्रयोग बच्चों के सामने करती हैं. वह मुझे अपमानित करती हैं और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से भी मुझे अपमानित कराती हैं. जिससे वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही है.
‘बच्चों को नहीं खाने देती हैं खाना’
प्रिंसिपल पर आरोप है कि वो महिला रसोइया के हाथ का बना खाना न तो वह खुद खाती हैं और न ही बच्चों को खाने देती हैं. कई बार उनके खाने को सड़क पर जानवरों के सामने फेंक दिया गया. हम रसोइयों को भी खाना नहीं दिया जाता है. पीड़िता ने पूरे मामले की शिकायत जिला अधिकारी से करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
उसने कहा कि हम गरीब महिलाओं के ऊपर विद्यालय में भेदभाव हो रहा है और उन्हें आए दिन अपमानित किया जा रहा है. जबकि आरोपी प्रिंसिपल पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. पीड़िता बताती है कि मामले की पूर्व में भी शिकायत की गई थी लेकिन अधिकारी इस मामले में कुछ भी करने से कतरा रहे हैं और उन्होंने न्याय नहीं मिल पा रहा है.
प्रिसिंपल पर लगाए गंभीर आरोप
इसी विद्यालय में तैनात दूसरी रसोइया स्नेहलता पाठक बताती हैं कि उसकी साथी रसोइया गीता को बच्चों के सामने ही जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित किया जाता है. यही नहीं बच्चों के मिड डे मील में भी मानक की अनदेखी प्रिंसिपल कर रही हैं. भोजन के नाम पर वह सड़ी हुई सब्जी का जबरन प्रयोग कराती हैं. हमसे भोजन आधी अधूरी सामग्री और कम मात्रा में बनवाया जाता है जिसका विरोध करने पर उसे भी प्रताड़ित किया जा रहा है. दूध के नाम पर एक पैकेट दूध में पानी मिलाकर कुछ बच्चों को दे दिया जाता है.
डीएम ने जांच के दिए आदेश
दोनो ही पीड़ितों ने जब प्रिंसिपल की उत्पीड़न की शिकायत की तो डीएम मृदुल चौधरी ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए अजय मिश्रा को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए है. वहीं इस मामले को लेकर बीएसए ने विद्यालय पहुंचकर जांच की है. बीएसए अजय मिश्रा ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है. प्रिंसिपल और रसोइयों के बीच आपसी मतभेद हैं, जिसको लेकर दोनो पक्षों को समझाया गया है. इसी के साथ ही विद्यालय में शिक्षा कार्य पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं.
सौजन्य : Tv9 hindi
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