OBC कोटे से मराठों को आरक्षण देने का विरोध, महाराष्ट्र में अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत पर उतरे BJP के नेता
महाराष्ट्र में मराठा-ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर विवाद उठा हुआ है। मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे ने आमरण अनशन कर दिया है और ओबीसी समाज ने मराठों को आरक्षण के विरोध में सड़क पर उतर दिया है। राज्य सरकार ने मराठों को सशर्त कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देने का जीआर जारी कर दिया है।
महाराष्ट्र में मराठा-ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर विवाद उठा हुआ है। मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे ने आमरण अनशन कर दिया है और ओबीसी समाज ने मराठों को आरक्षण के विरोध में सड़क पर उतर दिया है। राज्य सरकार ने मराठों को सशर्त कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देने का जीआर जारी कर दिया है।
मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा-ओबीसी आरक्षण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जालना के एक छोटे से गांव में मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देकर ओबीसी कोटे से आरक्षण देने की मांग पर आमरण अनशन कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ ओबीसी समाज भी मराठों को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने के विरोध में सड़क पर उतर आया है। आमरण अनशन कर रहे मराठा आंदोलनकारी जरांगे ने जल्दी ही पानी और दवाइयां भी त्यागने का ऐलान कर दिया है। उन्हें राज्यभर के मराठा नेताओं और संगठनों का समर्थन मिल रहा है। उनके दबाव में आकर सरकार ने मराठों को सशर्त कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी करने का जीआर भी जारी कर दिया है। वहीं, नागपुर में ओबीसी समाज भी मराठों को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने के विरोध में रास्ते पर उतर आया। इस आंदोलन में बीजेपी और कांग्रेस के ओबीसी नेता भी शामिल हुए। दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के जटिल मुद्दे को सुलझाने के प्रयास में 11 सितंबर को सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है।
विरोध में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के नेता आशीष देशमुख और कांग्रेस के नेता तथा महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष विजय वडेट्टीवार भी शामिल हुए। देशमुख ने कहा कि मराठा आर्थिक रूप से पिछड़े नहीं हैं और उन्हें ओबीसी कोटे से आधा फीसदी भी आरक्षण नहीं मिलना चाहिए, वरना हमारे लिए आंदोलन के रास्ते खुले हैं।
‘ओबीसी की हक नहीं मारने देंगे’
वहीं कांग्रेस के ओबीसी नेता वडेट्टीवार ने कहा कि कांग्रेस मराठों को आरक्षण देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन ओबीसी कोटे से मराठों को आरक्षण देने पर मेरा विरोध है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) कोटे से मराठों को आरक्षण दे सकती है या फिर आरक्षण की लिमिट बढ़ा सकती है। पर हम सरकार को ओबीसी का हक नहीं मारने देंगे।
मनोज जरांगे ने दिया है अल्टिमेटम
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि इस मुद्दे पर चर्चा करने और सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के शीर्ष नेताओं को कल बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। यह घटनाक्रम 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे शिवबा संगठन के नेता मनोज जारांगे पाटिल की चेतावनी के बाद आया है। उन्होंने अल्टिमेटम दिया है कि अगर समस्या का तुरंत समाधान नहीं किया गया तो वह आज रात से पानी और दवाएं लेनी बंद कर देंगे।
सौजन्य :नवभारत टाइम्स
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