दमोह में कुम्हार समाज का हुक्का-पानी बंद:सैलून संचालक बोला-कुर्सी पर बैठकर कुम्हारों के बाल नहीं कटेंगे, पंचायत ने पीडितों पर लगाया प्रतिबंध
दमोह जिले के जबेरा थाना क्षेत्र के सिंहपुर गांव में कुम्हार समाज के लोगों का हुक्का-पानी बंद करने का फरमान सुनाया गया है। पीडित समाज को गांव की दुकानों से राशन तक देना बंद करा दिया गया है। इस मामले को लेकर बीएसपी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने मप्र सरकार की कार्यप्रणाली और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
सिंहपुर के निवासी मिलन चक्रवर्ती और अंकित चक्रवर्ती ने बताया कि हमारे परिवार के लोग बाल कटाने के लिए गए थे। सैलून संचालक ने बाल काटने से मना कर दिया। जब हम लोगों ने इसको लेकर शनिवार रात को गांव वालों की पंचायत बुलाई। पंचायत में पंचों ने भी हमारे ही खिलाफ फरमान सुनाया। पंचायत ने हमारे पूरे कुम्हार समाज के लोगों को गांव से बंद कर दिया है। अब समाज के लोगों को गांव की किसी भी दुकान से राशन-पानी नहीं मिल रहा है।
बीएसपी सांसद बोले- पीडितों को दवाएं तक नहीं मिल रहीं
दमोह के जबेरा थाना क्षेत्र के सिंहपुर गांव में हुई घटना पर बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने कहा यह बहुत दुखद घटना है। सन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ। संविधान का आर्टिकल 15 यह कहता है कि देश में जाति, धर्म, मत, पंथ के नाम पर कोई भेदभाव नहीं होगा। लेकिन, 73 साल बाद भी यहां मध्य प्रदेश में बीजेपी, कांग्रेस सत्ता में रहीं। संविधान में लिखी बातों को पर आज तक अमल नहीं किया। उसी का प्रतिफल आज दमोह में देखने को मिला जब सिंहपुर गांव में कुम्हार समाज के लोगों के साथ इस बात को लेकर विवाद हुआ। जो नाई है उसने कहा कि कुर्सी पर बैठकर समाज के लोगों के बाल नहीं काटेगा। इस बात को लेकर वाद विवाद हुआ। तब दबंग जातिवादी लोगों ने कहा कि जिस कुर्सी पर हम बैठते हैं उस कुर्सी पर ये बैठें यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस बात का कुम्हार समाज के लोगों ने विरोध किया तो फिर गांव के सरपंच और तमाम जातिवादी लोग इकट्ठे हुए। उन्होंने तुगलकी फरमान जारी कर दिया कि जो कुम्हार समाज के लोगों को कोई भी जरूरी सामान गांव से यहां तक की दवाइयां तक उनको नहीं मिल पा रही हैं। सरकार सो रही है सरकार का इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया जा है।
दलित आदिवासियों पर एमपी में लगातार हो रहा अत्याचार
गाैतम ने कहा- सरकार सिर्फ लाड़ली बहना एक हजार, 1250, 1500, 3000 रूपए दे देंगे। इस तरीके की वोट खरीदने वाली बातें की जा रही हैं। लेकिन पूरे प्रदेश के अंदर जंगलराज, गुंडाराज चल रहा है। पेपर लीक मामला है। व्यापमं घोटाले हुए है। पटवारी घोटाला हुआ उस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही। हाल ही में सीधी में घटना घटी जहां पेशाब कांड हुआ। वहीं एक आदिवासी समाज की बच्ची के साथ बलात्कार किया गया। उसे गला दबाकर मार दिया गया है। खुरई में जो घटना घटी। जहां बहू बेटियां अपने न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अगर बहू बेटियां गुंडे मवालियों के खिलाफ केस दर्ज कराती हैं। तो उसके परिवार को लोग गुंडे पीटते हैं। बच्चे को पीट-पीटकर मार देते हैं। उसकी मां को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में निर्वस्त्र कर घुमाया गया। हाथ तोड़ दिया गया पूरे घर के बर्तन चम्मच तक तोड़ दिया। यह घटना सरकार की नाक के नीचे हो रही हैं वहीं सरकार के मंत्री रहते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। पूरे प्रदेश में जंगल राज कायम है। दलितों और आदिवासियों पर खास तौर पर दबे कुचले लोगों पर गरीबों पर अत्याचार किया जा रहा है। लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही इसको लेकर पहले भी बीएसपी ने बड़ा आंदोलन किया था हम सरकार को आगाह करते हैं कि इन घटनाओं पर रोक लगाया वरना फिर से बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार है।
यूपी में बहन जी की सरकार में एक महीने में 1.51 लाख गुंडे एक महीने में भेजे गए थे जेल
रामजी गौतम ने कहा उत्तर प्रदेश में जब बहन जी मुख्यमंत्री थी उसकी तुलना 1% भी मध्यप्रदेश से नहीं कर सकते क्योंकि पूरे देश में सब को यह पता है कि बहन जी की सरकार में लॉ एंड ऑर्डर, शासन, प्रशासन, अनुशासन में नंबर वन था। सारे गुंडा माफिया प्रदेश छोड़कर भाग गए थे। हम कोई बुलडोजर नीति नहीं लेकर नहीं आए थे। अब सरकार में बुलडोजर नीति लेकर आ रही हैं। तमाम तरीके के काम कर रहे हैं इसके बावजूद गुंडे मवाली अत्याचार कर रहे हैं।
बुल्डोजर की नीति जातिवादी
कई जगह पर ऐसा एहसास भी होता है कि जो बुलडोजर नीति है वह जातिवादी नीति है। जब दलित समाज के ऊपर अत्याचार होता है तो बुल्डोजर शांत रहता है। अगर धर्म विशेष के लोगों के मकान तोड़ने होते हैं। बुलडोजर तुरंत चला जाता है। मैं कहना चाहता हूं यहां की सरकार से बहन जी की सरकार उत्तर प्रदेश में जो थी उससे यहां की सरकार को सीखना चाहिए किस तरह लॉ एंड ऑर्डर कंट्रोल किया था। एक लाख 51 हजार से ज्यादा गुंडे मवाली को जेल में डालने का काम बीएसपी की सरकार ने एक महीने में किया था।
सौजन्य :दैनिक भास्कर
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