सुल्तानपुर के बरामदपुर में बकाया मजदूरी मांगने पर दलित युवक की बुरी तरह पीटकर हत्या, परिवार ने उठाये पुलिसिया जांच पर सवाल
मृतक दलित युवक के पिता ने बताया कि राम अनुज यादव जो प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं, के बेटे दिग्विजय यादव ने दो अन्य कुलदीप यादव पुत्र ओमप्रकाश यादव और हेमंत यादव के साथ मिलकर गांव के ट्यूबवेल पर विनय की बर्बर पिटाई की, इसके पहले उनका बकाया मजदूरी के पैसे को लेकर विवाद हुआ था|
लखनऊ बकाया मजदूरी मांगने पर सुल्तानपुर जिले में 18 वर्षीय दलित नौजवान की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। घटना कादीपुर तहसील के अखंड नगर थानान्तर्गत ग्राम बरामदपुर की है। भाकपा (माले) के चार सदस्यीय जांच दल ने शुक्रवार 8 सितंबर को सुल्तानपुर जिले का दौरा कर पीड़ित परिवार से भेंट की और शोक संवेदना व्यक्त की। पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने जांच दल की रिपोर्ट मिलने के बाद शनिवार 9 सितंबर को कहा कि योगी सरकार में दलित सर्वाधिक असुरक्षित हैं। उनका पुरसाहाल नहीं है। दलित हत्या व दुराचार की बढ़ती घटनाएं मुख्यमंत्री योगी की कानून व्यवस्था के दावों की पोल खोलती हैं। उन्होंने सुल्तानपुर की घटना की उच्चस्तरीय जांच, सभी दोषियों को कठोर सजा और मृतक के परिजनों को पर्याप्त मुआवजे की मांग की।
पिता ने माले टीम को बताया कि राम अनुज यादव जो प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं, के बेटे दिग्विजय यादव ने दो अन्य व्यक्तियों (कुलदीप यादव पुत्र ओमप्रकाश यादव, हेमंत यादव) के साथ मिलकर गांव के ट्यूबवेल पर विनय की बर्बर पिटाई की। इसके पहले बकाया मजदूरी के पैसे को लेकर विवाद हुआ। घटना लगभग चार बजे शाम की है। मार-पीट के दौरान जब विनय बेहोश हो गया, तो तीनों ने उसे पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर के अस्पताल (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जलालपुर) में भर्ती करा दिया। अस्पताल में होश आने पर विनय ने डॉक्टर को बताया कि वह दुर्घटना से नहीं, बल्कि जिन लोगों ने उसे भर्ती कराया है उन्होंने ही उसे मारा—पीटा है। घर वालों को गिरिजेश यादव ने सूचित किया कि विनय गंभीर रूप से दुर्घटना में घायल हुआ है और वह जलालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हैं। आकर उसकी देखभाल कीजिए। सूचना पाकर जब विनय के घर वाले अस्पताल पहुंचे, तो हत्यारे वहां से भाग गए। घर वालों के अस्पताल पहुंचने के पूर्व ही शाम छः बजे विनय की मौत हो चुकी थी। बाद में विनय के पिता ने अखंड नगर थाने में एफआईआर (नंबर 0246/2023) दर्ज करायी, किंतु पुलिस ने केवल दिग्विजय यादव के खिलाफ ही नामजद एफआईआर दर्ज की। वह गिरफ्तार हुआ, लेकिन हत्याकांड में शामिल अन्य अभियुक्त आजाद हैं।
सौजन्य : जनज्वार
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