दलित किशोरी को अगवा करने वाले को उम्रकैद : झांसी में 10 साल पुराने केस में आया फैसला, कार में बैठाकर ले गया था आरोपी
झांसी में दलित किशोरी को अगवा करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी मनोज कुमार प्रजापति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। नहीं देने पर एक माह की अतिरिक्त जेल काटनी होगी। 10 साल पुराने केस में यह फैसला एससीएसटी एक्ट कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर ने मंगलवार को सुनाया है। मूलरूप से गढ़िया गांव निवासी मनोज कुमार प्रजापति फिलहाल अंबावाय गांव में रहता है।
15 दिन बाद मिली थी किशोरी
विशेष लोक अभियोजक केशवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एक व्यक्ति ने सीपरी बाजार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि 15 अगस्त 2013 की रात करीब 10 बजे उसकी 16 साल की बेटी घर में थी। इस दौरान एक चार पहिया गाड़ी उसके घर के सामने रुकी। गाड़ी में बैठा युवक अंबावाय गांव निवासी मनोज कुमार प्रजापति ने उसकी नाबालिग बेटी को घर से बुलाया और गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गया। पुलिस ने 15 दिन बाद नाबालिग को बरामद किया था। इसके बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त मनोज कुमार प्रजापति को आईपीसी की धारा 363 में 7 साल, धारा 366 में 10 साल और एससीएसटी एक्ट की धारा 3(2)5 में उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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