वडोदरा में मानवता शर्मसार, दलित मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर हुआ बवाल
वडोदरा; वडोदरा के पादरा तहसील के गमेठा गांव के श्मशान में दलित बुजुर्ग का अंतिम संस्कार नहीं करने देने पर विवाद हो गया। गांव में 65 साल के बुजुर्ग की मौत के बाद उसे गांव के एकमात्र श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया, लेकिन ऊंची जाति के लोगों ने अग्नि संस्कार नहीं करने दिया। इसके बाद घंटों तक शव पड़े रहने के बाद देर शाम को श्मशान घाट से दूर एक अलग जगह पर अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
ऊंची जाति के लोगों ने रोका अंतिम संस्कार
जानकारी के मुताबिक, गमेथा गांव के दलित निवासी 65 वर्षीय कंचनभाई वानकर की बुधवार को वृद्धावस्था के कारण मृत्यु हो गई। परिजनों ने अंतिम यात्रा निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। अंतिम यात्रा गांव के एकमात्र श्मशान घाट पर पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी। उस समय गांव के उच्च जाति के लोगों ने अंतिम संस्कार रोक दिया तो काफी हंगामा हुआ।
श्मशान से दूर खुली जगह पर करना पड़ा अंतिम संस्कार
इसके बाद दलित समुदाय और ऊंची जातियों के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो गया। सुबह दम तोड़ने वाले कंचनभाई के शव का देर शाम तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया। विवाद होने पर वडु पुलिस श्मशान घाट पहुंची और मामले को सुलझाने का प्रयास किया। आखिरकार, दलित समुदाय को मजबूरन मृतक कंचनभाई का दाह संस्कार गांव के श्मशान से दूर एक खुली जगह पर करना पड़ा। इस घटना से दलित समाज में आक्रोश है। समुदाय के लोग वडु पुलिस थाने पहुंचे और अंतिम संस्कार रोकने वाले 13 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
13 लोगों को हिरासत में लिया गया
इस मामले में एसपी वडोदरा रूरल का कहना है कि श्मशान के लिए आवंटित भूमि पर पानी भर गया था तो उन्होंने दूसरे समाज के लोगों से चर्चा की। इसके बाद वे गांव के कॉमन श्मशान में अन्तिमक्रिया करना चाह रहे थे, जिसका विरोध हुआ। पुलिस भी वहां पहुंची। बाद में अन्य जगह अंतिम क्रिया हुई। फिर मृतक के घर वाले थाने आए और उन्होंने अंतिम क्रिया का विरोध करने वालों के खिलाफ शिकायत की। जिस पर हमने 13 लोगों को हिरासत में लिया है।
सौजन्य : News24 online
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