प्रेम प्रसंग में दलित युवक का मुंह काला कर गांव में घुमाने वाले सरपंच व युवती के पिता को कैद व जुर्माना
हिसार : की एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित विशेष अदालत के judge विवेक सिंगल ने करीब 11 साल पहले गांव पुट्ठी समैन में प्रेम प्रसंग के मामले में दलित युवक का मुंह काला कर गांव में घुमाने के दोषी मौजूदा सरपंच व युवती के पिता को सजा व जुर्माना लगाया है. दोनों को साढ़े तीन-तीन साल की सजा व 35-35 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. अदालत ने तीन दिन पूर्व दोनों को दोषी करार दिया था, जिन्हें Monday को सजा सुना दी गई.
विशेष अदालत के जज विवेक सिंघल ने क्वांटम पर पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता रजत कलसन व दोषी पक्ष के अधिवक्ता महेंद्र सिंह नैन की बहस सुनी और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दोषी सरपंच राजू व युवती के पिता गुलाब सिंह को एससी एसटी एक्ट की धारा 3 (1) (ई.) में साढ़े तीन साल व पच्चीस हजार रुपये जुर्माना तथा आईपीसी की धारा 147 व 506 में एक-एक साल की सजा व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. इस तरह अदालत ने दोनों दोषियों को साढ़े तीन-तीन साल की सजा व दोनों पर 35-35 हजार रुपये जुर्माना किया है. एससी/ एसटी एक्ट व आईपीसी की धारा में मिली सजाएं एक साथ चलेंगी.
अधिवक्ता रजत कल्सन ने अपनी बहस में अदालत को बताया कि घटना के समय दोषी राजू सरपंच प्रतिनिधि था तथा गांव का जिम्मेदार नागरिक था. इसके बावजूद उसने गैर कानूनी पंचायत बुलाकर युवती के पिता के साथ मिलकर दलित युवक का मुंह काला किया तथा उसे गांव में घुमाया तथा उस पर 21 हजार जुर्माना लगाकर गांव से निकाल दिया. इससे पहले दोनों दोषियों को हिरासत में अदालत में पेश किया गया.
मामले के अनुसार पीड़ित युवक गांव की ही एक गैर अनुसूचित जाति समुदाय की युवती से प्रेम करता था तथा दोनों पिछले छह महीनों से आपस में मिल रहे थे. इसका पता चलने पर एक जून 2012 को गांव की चौपाल में गांव के सरपंच राजू व युवती के पिता गुलाब सिंह ने गांव की चौपाल में पंचायत बुलाई जिसमें सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद थे. वहां पर पीड़ित युवक को तलब किया गया तथा उससे कहा गया कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि तुम अनुसूचित जाति से होकर गैर अनुसूचित जाति समुदाय की लड़की से इश्क करो, इस पर लड़के ने कहा कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं. इस पर पंचायतीयों ने कहा कि तेरी क्या औकात है तू स्वर्ण युवती से प्यार करे, तुम लोग तो केवल सिरी पाली लगने के लिए हो. इसके बाद पंचायतियों द्वारा दलित युवक का मुंह काला करके गांव में घुमाया गया तथा उस पर 21 हजार रुपये जुर्माना लगाते हुए उसे 11 साल के लिए गांव से निकाला दिया गया.
इस मामले में युवक ने थाना नारनौद में सरपंच व युवती के पिता सहित 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. जब मुकदमा दर्ज होने के बाद Police आरोपियों को गिरफ्तार करने गई तो Police की जीप को भी बंधक बनाया गया था व Police पर भी पथराव किया गया. इसके चलते Police किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी तथा Police ने सीधा अदालत में चालान दिया जहां से अदालत द्वारा आरोपितों को तलब किया गया.
इस मामले में युवक व उसके माता-पिता ने गवाह के तौर पर अदालत में अपनी गवाहियां दी जिसके बाद इस मामले में दो चरणों में अदालत में अंतिम बहस पूरी की गई. दोनों को 28 जुलाई को अदालत ने गांव के मौजूदा सरपंच राजू व युवती के पिता गुलाब सिंह को दोषी करार दिया जबकि 13 अन्य आरोपितों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया था.
सौजन्य : Udaipur kiran
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