उज्जैन में दबंगों की दबंगई, दलितों को काम पर रखा तो 5000 रुपये जुर्माना
मध्य प्रदेश के उज्जैन में दलितों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है। बलाई महासंघ का आरोप है कि जिले के झितरखेड़ी में दबंगों ने बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई। अब दलितों को काम पर रखने के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है।
उज्जैन जिले में दबंगों की दबंगई का मामला सामने आया है। बलाई समाज का आरोप है कि दलितों के साथ भेदभाव हो रहा है। दबंगों ने फरमान जारी किया है कि दलितों को काम पर रखने वाले पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा को भी क्षति पहुंचाई गई है।
बलाई महासभा का कहना है कि दलित समाज ने झितरखेड़ी में स्वयं के खर्च से 29 जनवरी को गांव में बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की थी। दबंगों ने मूर्ति स्थापित करने का विरोध किया था। गांव में यह फरमान भी सुनाया कि किसी भी ऊंची जाति के व्यक्ति ने गांव के किसी दलित को हाली या मजदूरी पर रखा तो उससे पांच हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। तब से यह सिलसिला जारी है। इससे दलितों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।
अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार ने बताया कि कुछ दिन पहले गांव के कुछ दबंगों ने दलितों के आस्था के प्रतीक बाबा साहब की प्रतिमा को तोड़ने का प्रयास किया। इससे प्रतिमा खंडित हो गई। गांव में रहने वाले दलितों को बाबा साहब का अपमान बर्दाश्त नहीं हुआ। इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए महासंघ की टीम उज्जैन कलेक्टर ऑफिस पहुंची। आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया।
सौजन्य : Amar ujala
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