बहुजन मीडिया की मुखर आवाज़ – रोशनी गौतम
दलित समाज की रोशनी गौतम का लगभग पूरा गाँव दलितों का है, लेकिन इतने बड़े गाँव में सिर्फ दो लोग ही सरकारी नौकरी में हैं l यहाँ बड़ी तादाद में लोग या तो भूमिहीन हैं या फिर लोगों के पास आधे बीघा से लेकर 2 बीघे तक जमीन है l रोशनी इस गाँव की पहली स्नातक युवा हैं l अभी वह अयोध्या विश्वविधालय से मास कम्युनिकेशन का कोर्स भी कर रही हैं l
एक बहुत महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि रोशनी के समाज के प्रति जज्बे से प्रभावित होकर नॉएडा में रहने वाले एक बहुजन समाज के अधिकारी ने डॉ. अम्बेडकर के सक्षम वर्ग से की गई “पे बेक तो सोसाइटी” को आत्मसात करते हुए रोशनी को मास कॉम में दाखिला लेने के लिये बीस हज़ार रूपये का योगदान किया है l
रोशनी एक बहुत ही उर्जावान युवा हैं lउन्होंने शुरू में दिल्ली और नोयडा में कुछ मीडिया हाउस में पत्रकार के रूप काम भी किया है, रोशनी ने एक बहुजन पत्रकार के रूप में देश के चार राज्यों सहित पुरे उत्तर प्रदेश में दबे कुचले वर्ग के रूप में पत्रकारिता कीl लेकिन जातिगत प्रताड़ना व युवा पत्रकारों के प्रति मीडिया हाउस के नकारात्मक ब्यवहार के चलते सब छोड़ कर गाँव वापस आ गई l पत्रकार के रूप में अपने चार वर्ष के अनुभवों के आधार पर रोशनी पत्रकारिता के प्रत्येक पक्ष से अच्छी तरह वाकिफ हो गई थीं l
वर्ष 2019 में रोशनी ने “रोशनी की रिपोर्टिंग” के नाम से अपना YouTube चैनल शुरू किया जिसके आज पुरे देश से 8500 सब्सक्राइबर भी हैं l गाँव में शिक्षा के प्रति उदासीनता व सरकारी स्कूलों की दुर्दशा को महसूस करने के बाद रोशनी ने गाँव में ही दो कमरों के बने डॉ अम्बेडकर भवन में दो वर्ष पूर्व एक”चलो पाठशाला” से अभियान शुरू किया l इस पाठशाला में रोशनी अपने साथियों के साथ बच्चों को बेसिक शिक्षा के आलावा संविधान और अधिकारों के बारे में बहुत ही रोचक तरीके से ज्ञान देती हैं l अभी उनकी इस “चलो पाठशाला” में करीब 50 से 60 बच्चे आते हैं l
अपील : रोशनी गौतम के सराहनीय प्रयास में आप भी किसी भी तरह का योगदान कर सकते हैं ! संपर्क : 6307193649
“चलो पाठशाला” की मूल अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए रोशनी कहती हैं, कि उनका अनुभव है कि आजके युवा औपचारिक डिग्रियां तो पा लेते हैं लेकिन सही अर्थों में वह ज्ञान से पूर्णरूप से वंचित होते हैं और जीवन में अपनी शैक्षिक योग्यता के आधार पर कोई भी सफलता नहीं प्राप्त कर पते हैं इसलिये चलो पाठशाला का उद्देश्य है कि बच्चों को औपचारिक शिक्षा के साथ ही उनकी रचनात्मकता को मजबूत किया जाये और उनके अंदर वैज्ञानिक सोच भी पैदा की जाये जिससे वह अपनी शिक्षा का उपयोग करके जीवन में सफलता हासिल कर सकें l
हाल ही में रोशनी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुये स्कूल में बच्चों के लिये एक लाइब्रेरी शुरू करने का निर्णय लिया है l इसलाइब्रेरी में उनका प्रयास है, कि उसमें डॉ. अम्बेडकर, फुले , सावित्री बाई , महात्मा फुले और पेरियार जैसे अनेक महान विभूतियों की किताबें रखी जायें l
कुछ हाथ रोशनी की मदद में आगे भी आये हैं, जिसमें वायु सेना के सेवा निवृत्त ग्रुप कैप्टेन दिनेश चंद्रा (लखनऊ ) व उनकी बहन मंजू जी भी हैं l आप लोग भी रोशनी के इस प्रयास में हिस्सेदार हो सकते है l रोशनी को बच्चों के लिये उपयोगी किताबें से लेकर किसी भी तरह की मदद कर सकते हैं l एक बात और एक बार अगर मौका लगे तो रोशनी के गाँव में जाकर उसके इस प्रयास को देख भी सकते हैं, और रोशनी के प्रयास में हिस्सेदारी भी कर सकते हैं ! मेरे साथ सहयात्री वायु सेना के सेवा निवृत्तग्रुप दिनेश चंद्राजी,अमरेश यादव जी (भारतीय युवा संसद) व कुलदीप चन्दन जी हैं l
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