वाल्मीकि समाज की बेटियों की निकाली बिंदौरी और धूमधाम से हुई शादी
अक्सर आपने दलित समाज के दूल्हे को घोड़ी से उतारने की तस्वीरें देखी होंगी, लेकिन, हम आज आपको ऐसी संदेश परक तस्वीर दिखाएंगे जो समाज में समानता का संदेश दे रही हैं.
झुंझुनूं के डूंडलोद कस्बे में ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने ना केवल वाल्मीकि समाज की दो बेटियों की घोड़ी पर बैठाकर बिंदौरी निकाली बल्कि असमर्थ पिता की मदद को हाथ बढ़ाते हुए दोनों बेटियों की शादी में आर्थिक मदद भी की.
वाल्मीकि समाज की बेटियां की बिंदौरी
बिंदौरी से पहले वाल्मीकि समाज की दोनों बेटियां मुस्कान और सोनू दूल्हे की वेशभूषा में सिर पर राजस्थानी पगड़ी में बनी-ठनी नजर आई. घोड़ी पर बैठने के बाद वाल्मीकि समाज की बेटियां मुस्कान और सोनू के चेहरे पर गर्व की मुस्कान दिखी.
बिंदौरी में लगाए ठुमके
बिंदौरी में डीजे पर परिवारजनों ने जमकर ठुमके लगाए. आपको बता दें कि डूंडलोद के राजू वाल्मीकि का 4 साल पहले एक सड़क हादसे में पैर फैक्चर हो गया था. इसके बाद से राजू वाल्मीकि ने भारी काम करना बंद कर दिया था और गांव में सफाई का काम करने लगा.
ग्रामीण और सामाजिक संगठन ने की मदद
राजू वाल्मीकि को दोनों बेटियों का रिश्ता तय होने के बाद उनकी शादी की चिंता सता रही थी. शादी तय होने के बाद ग्रामीण और सामाजिक संगठन राजू वाल्मीकि के लिए देवदूत बनकर आए और उनकी दोनों बेटियों की शादी में मदद को हाथ आगे बढ़ाया.
धूमधाम से हुई शादी
राजू वाल्मीकि की दोनों बेटियों की शादी में पहचान फाउंडेशन की ओर से कन्यादान की जिम्मेवारी ली गई और दोनों बेटियों की शादी धूमधाम से करवाई गई.
सौजन्य : Zee news
नोट : समाचार मूलरूप से zeenews.india.com में प्रकाशित हुआ है ! मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित !