यूपी: अमेठी में तीन दलित बच्चों को क्रूर सज़ा, खंबे से बांधकर पिटाई
चोरी के शक में तीन नाबालिग बच्चों को तालीबानी सज़ा सुनाई गई, तीनों की बिजली के खंबे से बांधकर पिटाई की गई। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की पड़ताल में जुटी है।
उत्तर प्रदेश के अमेठी से बेहद शर्मनाक वीडियो वायरल हो रहा है, यहां तीन नाबालिग़ बच्चों को खंबे से बांधकर पीटने का मामला सामने आया है। यहां एक बात यह महत्वपूर्ण है कि तीनों पीड़ित बच्चे दलित समाज के बताए जा रहे हैं, और कहा जा रहा है कि तीनों बच्चों को चोरी शक में बांधकर पीटा गया है।
हालांकि जब वीडियो वायरल हुआ और बच्चों के परिजनों को ये बात पता चली तब वे उन्हें वहां से छुड़ाकर ले गए और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने परिजनों की शिकायत के आधार पर गौरीगंज थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पूरा मामला क्या है?
मामला गौरीगंज थाना क्षेत्र के असैदापुर ग्रामसभा के गांव पांडेय का पुरवा का है। इन बच्चों पर टिकरिया स्थित एक एसीसी सीमेंट फैक्ट्री से स्क्रैप चोरी करने का आरोप लगाया गया है। इसी सीमेंट फैक्ट्री के ठेकेदार द्वारा चोरी के आरोप में इन नाबालिग़ बच्चों की खंबे से बांधकर पिटाई की गई। ये तीनों ही बच्चे आपस में रिश्तेदार हैं। जिनकी उम्र 13 से 15 साल के बीच बताई जा रही है।
हालांकि पूरे मामले में बच्चों के माता-पिता ने चोरी की बात कुबूल की है। उनका कहना है कि हम मज़दूर लोग हैं, पूरा दिन घर से बाहर रहते हैं, यही कारण है कि बच्चे किसी के बहकावे में आकर ऐसा कदम उठा रहे होंगे। जिसके बाद फैक्ट्री के ठेकेदार ने उन्हें पकड़कर खंबे से बांध दिया।
पूरे घटनाक्रम के इस वीडियो को ‘द दलित वाइस’ नाम के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया है।
वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे तीनों बच्चों को एक खंबे से बांधा गया है। और वहां तमाम लोग तमाशबीन बनकर खड़े हैं, और इस तालीबानी क्रूरता पर हंस रहे हैं। यहां इस बात को ज़रा भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है कि बिजली के खंबे में करंट उतर आता तो बच्चों के साथ बड़ा हादसा भी हो सकता था।
अहमद ख़बीर नाम के ट्वीटर हैंडल से भी ये वीडियो शेयर किया गया है।
वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश में दलितों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं, हाल ही में आगरा में एक दूल्हे के घोड़ी चढ़ने की वजह से बारात में मारपीट की गई।
इसी तरह आरोप है कि पीलीभीत में एक नाबालिग दलित बच्ची से दुष्कर्म होने के बाद पुलिस द्वारा दुष्कर्म के आरोपियों से समझौते का दबाव बनाने के कारण बच्ची के पिता ने फांसी लगाकर जान दे दी।
राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो रिकॉर्ड यानी एनसीआरबी ने साल 2021 में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दलित उत्पीड़न के मामले में यूपी नंबर-1 पर है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में यहां दलित उत्पीड़न के 13146 मामले दर्ज हुए थे, वहीं दूसरे नंबर पर राजस्थान को बताया गया जहां 7524 मामले दर्ज किए गए। जबकि यूपी में बाल अपराध की बात की जाए तो साल 2021 में 16838 मामले दर्ज हुए।
फिलहाल दलितों के ख़िलाफ़ मामले कहीं भी कम होते दिखाई नहीं दे रहे हैं, जबकि हमारे देश के नेता और मंत्री हमेशा सबके साथ की बात करते नहीं थकते।
सौजन्य : News click
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