बीबीएयू ने पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया बीच में रोकी, एयूडीएसयू ने प्रवेश प्रक्रिया जारी रखने को दिया ज्ञापन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के शीतकालीन सत्र 2022-23 पी.एच.डी.प्रवेश परीक्षा के लिए जा रहे आवेदन में यूजीसी हस्तक्षेप के बाद आवेदन फॉर्म की प्रक्रिया बीच में रोक दी गयी है। जिसके विरोध में एयूडीएसयू छात्र संगठन ने परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपा है।छात्र संगठन ने आरोप लगाया है कि विवि जानबूझकर प्रवेश प्रकिया रोक दिया है,क्योंकि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में अभी वही प्रवेश प्रक्रिया जारी है।बीबीएयू में प्रवेश प्रक्रिया जारी रखने की माँग की।
बीबीएयू के बहुजन छात्र संगठन अंबेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट यूनियन ने परीक्षा नियंत्रक सम्बोधित ज्ञापन में कहा है कि शीतकालीन सत्र 2022-23 की पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया के आवेदन 19 अप्रैल 2023 से प्रारम्भ हो गयी थी।लगभग को दो सप्ताह बीतने के बाद पीएचडी प्रवेश परीक्षा में बीच में रोक दी गयी है। छात्रों का कहना है कि दो सप्ताह में हजारों छात्रो ने आवेदन कर दिए होंगे लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से बीते दो मई को बीबीएयू की वेबसाइट पर एक नोटिस जारी हुई, जिसमें प्रवेश प्रक्रिया बीच में रोकने की बात कही गयी है।
उसमें यह भी अंकित किया गया है कि जिन छात्रो ने आवेदन पत्र मिले है, उन्हें उनकी फीस रिफंड कर दी जाएगी।विवि की ओर से बताया गया है कि अब पीएचडी प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग करवाएगी।छात्र धीरज कुमार ने कहा कि यूजीसी की तरफ से अचानक आयी नोटिस का प्रभाव वर्तमान में चल रही पीएचडी प्रवेश परीक्षा के आवेदन प्रक्रिया पर नही पड़ना चाहिए था और न बीच सत्र में निरस्त करना चाहिए था।
क्योंकि आवेदन फॉर्म प्रवेश प्रक्रिया 19 अप्रैल से शुरू हो गई थी,विश्वविद्यालय प्रशासन को पूर्ण करा लेना चाहिए था।दलित छात्रों ने आरोप लगाया कि तमाम छात्रों ने फार्म भर चुके होंगे और साथ हीं गरीब तबके के लोग,गरीब परिवार के छात्र बार-बार भाड़ा किराया और साइबर कैफ़े पर 100-200 रुपये देकर फार्म नही भरवा सकते है। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र अधिकतर छात्र साइबर कैफे से आवेदन करवाने वाले अपने ही खाते से आवेदन फीस जमा करते है।इस प्रक्रिया के निरस्त होने से आवेदन करने वाले छात्रो तक रिफण्ड 500-1000 फीस नही प्राप्त हो पाएगी।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्वयं अभी भी विवि पीएचडी प्रवेश परीक्षा कन्डक्ट करा रहा है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने अपनी प्रवेश परीक्षा बीच में नही रोकी है।इसी आधार पर बीबीएयू प्रशासन को भी चल रही प्रवेश प्रक्रिया को अचानक बीच में नही रोकना चाहिए था।विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए था कि आगे की समस्त पीएचडी प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी एनटीए को देनी चाहिए थी।यूजीसी का नोटिस आया है, उसे आगामी पीएचडी प्रवेश परीक्षा में लागू करवाया जाय।
सौजन्य : The netizen news
नोट : समाचार मूलरूप से thenetizennews.com में प्रकाशित हुआ है ! मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित है !