वन कटाई रोकने के लिए आंदोलन:विरोध करने वाले संगठन के कई कार्यकर्ताओं पर गंभीर केस- एसपी
अवैध वन कटाई को लेकर जंगल से शुरू हुआ विरोध अब कलेक्टर कार्यालय तक पहुंच गया है। 2 दिन से 500 से ज्यादा आदिवासी कलेक्टर कार्यालय घेरकर बैठे हैं। सभी कलेक्टर-एसी के सामने आकर अतिक्रमण रोकने के लिए जवाब देने के लिए अड़े हुए हैं।
जागृत आदिवासी दलित संगठन के साथ आदिवासी जंगल कटाई का विरोध कर रहे हैं। लेकिन इसी संगठन पर एसपी राहुल कुमार लोढा ने कई सवाल उठाए हैं।
एसपी ने कहा जो संगठन विरोध कर रहा है, उसके कई सक्रिय कार्यकर्ता अवैध वन कटाई, लूट, डकैती, शासकीय कार्य में बाधा जैसी गंभीर धाराओं में अपराधी हैं। उनका नेतृत्व कर रहीं माधुरी बेन पर बड़वानी में 21 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। इस पर संगठन की माधुरी बेन ने कहा बड़वानी में संगठन ने डेढ़ लाख पौधे लगाकर बड़े किए हैं। हम पर केस दर्ज हैं तो हम यहीं बैठे हैं, गिरफ्तार कर लें।
जिले में साल 2018 के बाद से अवैध वन कटाई को लेकर संघर्ष बढ़ा है। साल 2020 से नेपानगर के जंगलों में अवैध कटाई बड़े पैमाने पर हुई है। सैकड़ों हेक्टेयर जंगल तबाह होने के बाद भी अतिक्रमण का प्रयास लगातार जारी है। अवैध वन कटाई के विरोध में जागृत आदिवासी दलित संगठन के साथ आदिवासी बुधवार दोपहर से कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर बैठे हैं।
आदिवासियों को समझाने के लिए डीएफओ, अपर कलेक्टर, एएसपी सहित कई अधिकारी पहुंचे, लेकिन आदिवासी जिद पर अड़े हैं कि कलेक्टर-एसपी सामने आए और बताएं कि वन अतिक्रमण को रोकने के लिए उनके पास क्या योजना है। कितने दिन में अतिक्रमण रोकने के साथ जंगल काटने वालों पर कार्रवाई होगी।
आदिवासियों की जिद के कारण फिलहाल मामले का हल होता नजर नहीं आ रहा है। वहीं संगठन के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगने के बाद आंदोलन के और जोर पकड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय में स्थिति यह बन गई है कि मुख्य प्रवेश द्वार से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। लोग दूसरे गेट से आना-जाना कर रहे हैं।
जिन पर आपराधिक मामले, उनके बचाव में ज्ञापन दे चुका है संगठन
एसपी राहुल कुमार लोढा ने बताया जागृत आदिवासी दलित संगठन अवैध वन कटाई के लिए आंदोलन कर रहा है। लेकिन इसके कई सक्रिय कार्यकर्ता जंगल कटाई से लेकर लूट-डकैती, अवैध अतिक्रमण, शासकीय कार्य में बाधा, बलवा जैसी धाराओं में अपराधी हैं। संगठन खुद ऐसे कार्यकर्ताओं के बचाव में ज्ञापन दे चुका है।
आंदोलनकारियों का नेतृत्व करने वाली माधुरी बेन पर बड़वानी में 21 आपराधिक केस दर्ज हैं। उनके बड़वानी जाने के बाद वहां अवैध वन कटाई जोरों पर हुई। जब वहां जंगल तबाह हो गया तो वह बुरहानपुर में सक्रिय हो गए। रेणुका वन डिपो पर हमले के समय नवाड़ी पटेल से लगातार नितिन संपर्क में था और उसी समय नितिन की कई बार माधुरी बेन से फोन पर बात हुई। यह सारी बातें संदेह पैदा करने वाली हैं। इसकी बारीकी से जांच चल रही है।
एसपी आदिवासियों को जवाब दें, उन पर अंगुली उठ रही है, तो वे हमें आरोपी बता रहे
संगठन की माधुरी बेन ने बताया एसपी आदिवासियों को जवाब दें कि अतिक्रमण रोकने उनके पास क्या योजना है। उन पर अंगुली उठ रही है तो वे हमें आरोपी बता रहे हैं। बड़वानी में जब जंगल कट गया था, तब हमारा संगठन संक्रिय हुआ और डेढ़ लाख पौधे लगाकर उन्हें बड़ा किया है।
एसपी झूठे आरोप लगा रहे हैं। बड़वानी में नरेगा की बकाया राशि, स्वास्थ्य सुविधा और कई मूलभूत सुविधाओं के लिए हमने आंदोलन किए तो प्रशासन ने केस दर्ज कर दिए। हम संविधान का पालन करने के लिए लड़ रहे हैं। बुरहानपुर में भी लंबे समय से काम कर रहे हैं, तब अपराधों की बात क्यों नहीं हुई। पुलिस-प्रशासन जवाब नहीं दे पा रहा तो हमें अपराधी बता रहा है। हम अपराधी हैं तो सामने बैठे हैं, हमें गिरफ्तार कर लें।
देर रात तक लोकगीत गा रहे, परिसर में ही खिचड़ी बनाकर खाई
बुधवार से डटे आदिवासी अपना उत्साह बढ़ाने के लिए देर रात तक लोकगीत गा रहे हैं। खराब मौसम के बावजूद परिसर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। गुरुवार दिनभर आदिवासियों ने लोकगीत गाए। इसमें प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं करने, संविधान के लिए लड़ाई लड़ने की बात की गई।
आदिवासियों के लिए कलेक्टर कार्यालय परिसर में ही सुबह और शाम को खिचड़ी बनाई गई। आदिवासियों ने दो टूक शब्दों में कहा है- कलेक्टर-एसपी जब तक जवाब नहीं देते, हम परिसर में ही बैठे रहेंगे।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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