सुबह से लेकर रात तक कलेक्ट्रेट के बाहर डटे रहे आदिवासी संगठन और विधायक, जानें क्या है इनकी मांग
बुरहानपुर: बुरहानपुर बुधवार को बड़ी संख्या में आदिवासियों ने जिला मुख्यालय पर पहुंचकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले हाथों में लाल झंडे थाने मध्य प्रदेश शासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 500 से अधिक आदिवासी महिला पुरुषों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर सांकेतिक रूप से धरना दिया।
इस विरोध प्रदर्शन में खास बात यह थी कि बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता माधुरी बेन के साथ विरोध करने पहुंचे और प्रदेश सरकार, बुरहानपुर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर सांकेतिक रूप से धरना दे दिया। देर रात तक यह धरना जारी था। कलेक्ट्रेट परिसर में लोग यहां वहां सोते हुए दिखाई दिए।
इस दौरान माधुरी बेन ने कहा कि 1 मंत्री का ग्रहण क्षेत्र है उसके बावजूद भी बड़े पैमाने पर बुरहानपुर जिले में जंगल काट रहे हैं और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है प्रशासन द्वारा सेरेंडर कराने का दावा किया गया, बावजूद इसके जंगल में वनों की कटाई और अधिक बढ़ गई जागृति आदिवासी संगठन की माधुरी बेन ने कहा कि घाघरला मैं 400 9 अतिक्रमणकारियों से हैं और जो वहां से निकले हैं वह भी वापस जाने का कह रहे हैं संगठन ने कहा कि अब तक करीब 15000 एकड़ से अधिक जंगल काट दिया गया है जो बहुत ही बड़ा नुकसान है माधुरी बेन इसका जिम्मेदार जिला प्रशासन शासन को बताया है।
आदिवासी संगठन के साथ धरना देने पहुंचे विधायक
वहीं, इस विरोध कार्यक्रम में अपना समर्थन देने पहुंचे निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है जंगल काट रहा है मुख्यमंत्री को सारे काम छोड़ कर इस ओर ध्यान देना चाहिए, लेकिन वह ध्यान नहीं दे रहे हैं। हजारों एकड़ वनों को काट दिया गया है, लाखों करोड़ों अरबों की लकड़ी जला दी गई है यह बहुत बड़ी घटना है कोई उस और ध्यान नहीं दे रहा है शासन प्रशासन कार्रवाई करने को तैयार नहीं है
रात भर धरना देकर जवाब मांगने के लिए बैठे आदिवासी
कलेक्टर परिसर में रात भर धरना देकर जवाब मांगने के लिए आदिवासी संगठन के लोग बैठे रहे। जिसको जहां जगह मिली वहां सो गया। कोई चद्दर तान के सो गया तो कोई फर्श पर सो गया। वहीं कुछ महिलाएं रात जागकर लोकगीत गाती रही, इनका कहना है कि जब तक हमें वरिष्ठ अधिकारी का संतोषजनक जवाब नहीं मिलता तब तक हम यही रात गुजारेंगे
सौजन्य : Navbharat times
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