21 साल पुराने मामले में दुष्कर्मी को पांच साल की कैद, जुर्माना
लखीमपुर खीरी। अनुसूचित जाति के एक किशोर से दुष्कर्म के 21 साल पुराने मामले में एडीजे अनिल यादव ने दुष्कर्मी को 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही उस पर 12000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
अभियोजन पक्ष रखते हुए एडीजीसी रमा रमण सैनी ने बताया कि ईसानगर थाना क्षेत्र के ग्राम सढ़ौराकलां 5 अप्रैल 2002 को संत सम्मेलन हुआ था, जिसमें पड़ोस के गांव से एक 12 वर्षीय दलित किशोर भी पहुंचा था। सढ़ौराकलां के संतोष तिवारी ने दलित किशोर को बहलाकर उससे दुष्कर्म किया। किशोर के विरोध करने पर उसे लकड़ी से बुरी तरह मारा-पीटा और उसकी आंख में भी लकड़ी घुसा दी थी।
किशोर के शोरगुल पर गांव के ही अंबर और रामसनेही किशोर को बचाकर किसी तरह घर लाए थे और और संतोष तिवारी को भागते देखा था। नामजद रिपोर्ट दर्ज कराते हुए किशोर के पिता ने उसी दिन ईसानगर पुलिस से शिकायत की थी। अदालती सुनवाई के दौरान संकटा प्रसाद, शिव शंकर, रामराज सिंह, राजेश कुमार सिंह और डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपने बयान दर्ज कराते हुए घटना की सत्यता को साबित किया। एडीजे अनिल यादव ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए दुष्कर्मी युवक को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही उस पर 12000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
सौजन्य : Amar ujala
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