ऐतिहासिक कालका देवी मंदिर से दलित भगत (पुजारी) के साथ मारपीट, पुलिस फोर्स तैनात
इटावा के थाना बकेवर क्षेत्र के लखना के ऐतिहासिक कालका देवी मंदिर से दलित भगत (पुजारी) के साथ मारपीट का मामला समाने आया है। भगत ने पुलिस से इस मामले की शिकायत की है। मंदिर में बीती रविवार की रात मंदिर प्रबंधन और पुजारियों के बीच जमकर हंगामा हुआ। पुजारियों ने मंदिर प्रबंधन के लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया है। मंदिर के बाहर हुए हंगामे का वीडियो वायरल हो रहा है। मंदिर प्रबंधन ने भी पुजारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बता दें कि बीती रविवार की रात कालका मंदिर के भगतों और मंदिर प्रबंधन में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। मंदिर के पुजारी (भगत) कपिल कुमार ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार के साथ मंदिर प्रबंधन के लोगों ने मारपीट की है। पुजारी कपिल कुमार और मनीष कुमार ने खुला आरोप लगाया है कि उनको जाति सूचक शब्दों को इस्तेमाल करके उन्हें पीटा गया है। मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। मंदिर के बहार हुए हंगामे की जानकारी पर मौके पर रात में ही बकेवर थाना पुलिस पहुंच गई और मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।
चाबी मांगने पर हो गया विवाद
मंदिर प्रबंधन सदस्य ऋषभ शुक्ला ने बताया कि मंदिर में नियुक्त भगत, पुजारी नहीं है सिर्फ भगत है। इनकी कई बार गंभीर शिकायत हम लोगों को मिलती रहती है, जिसके बाद प्रबंधन ने कल एक बैठक करके इन लोगों के स्थान पर इन्हीं के समाज परिवार के सर्वेश, राहुल, मनराज को मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसके बाद इनसे मंदिर की चाबी मांगने पर इन लोगों ने और इनकी महिलाओं ने विवाद शुरू कर दिया था। जिसपर राहुल की ओर से थाने में इसकी शिकायत की गई है। इनकी ओर से दुष्प्रचार किया जा रहा है।
मंदिर पर पुलिस फोर्स
1820 में स्थापित हुए लखना के ऐतिहासिक मंदिर शुरुआती दौर से ही दलित पुजारी (भगत) की तैनाती होती चली आ रही है। दलित परिवार की छठवीं पीढ़ी इस समय मंदिर में पुजारी की भूमिका है। फिलहाल मंदिर पर किसी प्रकार का विवाद न हो, जिसके लिए पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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