तैनाती के 49 साल बाद दर्ज होगी लेखपाल और कानूनगो पर रिपोर्ट
बागपत। शहर के केतीपुरा में दलित पट्टों की जमीन पर प्लॉट काटकर बेचने के मामले में डीएम डीएम राजकमल यादव ने तत्कालीन लेखपाल व कानूनगो पर रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया है। जांच में सामने आया है कि दलित पट्टे की जमीन सबसे पहले वर्ष 1974 में बेची गई और इसके लिए अनुमति नहीं ली गई थी। इस मामले में अब एसडीएम रिपोर्ट दर्ज करने के लिए उस समय तैनात रहे लेखपाल और कानूनगो की तलाश कर रही हैं।
इस मामले में मुश्किल यह आ रही है कि उस समय बागपत मेरठ जिले का हिस्सा था और उस समय का रिकार्ड जिले में उपलब्ध नहीं है। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ था, जब नगर पालिका के रिकार्ड में दस-दस रुपये के स्टांप के आपर प्लॉट और मकान दर्ज कर दिए गए। शिकायत होने पर जांच कराई गई तो पता चला कि जिस जमीन पर प्लॉट काटकर बेचे गए है। वह कब्रिस्तान व दलित पट्टों की जमीन है। कब्रिस्तान की जमीन पर प्लॉट काटकर बेचने व खरीदने वाले 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। अभी दलित पट्टों की जमीन पर प्लॉट काटने व बेचने वालों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। जांच में सवाल उठाया गया है कि जब सबसे पहले दलित पट्टों की जमीन बिना अनुमति लिए बेची गई तो तत्कालीन लेखपाल और कानूनगो ने कार्रवाई क्यों नहीं की। तहसीलदार प्रसुन्न कश्यप ने बताया कि
दस साल पहले काटे गए प्लॉट
दलित पट्टों की जमीन भले ही पहली बार 49 साल पहले बेची गई हो, लेकिन उस जमीन पर प्लॉट करीब दस साल पहले काटे गए। उस समय के अधिकारी ही नहीं, बल्कि प्लॉट काटे जाने के दौरान कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि पुराने लेखपाल व कानूनगो पर पूरा मामला डालकर उसके बाद के अधिकारियों की गर्दन तो नहीं बचाई जा रही।
कोट :
-जिस समय का मामला है, उस समय जिला नहीं बना था। उस समय का रिकार्ड दिखवाया जा रहा है, जो भी उस समय लेखपाल और कानूनगो तैनात रहे हैं, उनका पता कर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
प्रसुन्न कश्यप, तहसीलदार सदर
सौजन्य : Amar ujala
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