कौशांबी में स्कूल की छत गिरने से मजदूूर की मौत:पिता बोले- अफसर बोले थे कि मुआवजा देंगे, तीन दिन बीत गए कोई पूछने तक नहीं आया
प्राइमरी स्कूल के निर्माणाधीन क्लास की छत गिरने से छात्र की मौत का सदमा एक बाप बर्दास्त नहीं कर पा रहा है। हादसे को 3 दिन बीत चुके है। मां बाप का रो रोकर बुरा हाल है। आरोप है कि पीड़ित परिवार को अफसर मुआवजे का मरहम भी नहीं लगा सके हैं।
मंझनपुर के अम्बावा पूरब गांव की दलित बस्ती में मूलचंद्र अपनी पत्नी बच्चों के साथ रहता है। परिवार बहुत गरीब है। पिता के साथ 2 बेटे मेहनत मजदूरी करते हैं तो परिवार का गुजर बसर होता है। मूलचंद्र ने बताया, उसका बड़ा बेटा दिल्ली में रहकर मेहनत मजदूरी करता है। दूसरा जीतेन्द्र बृहस्पतिवार को सुबह मुराईन टोला के सरकारी स्कूल में काम करने की बात कह कर घर से गया था।
उन्हें नहीं पता था कि वह अपने बेटे को आखिरी बार देख रहे हैं। शाम को मनहूस खबर बेटे के मरने की आई। अस्पताल पहुंचे तो बेटे का शरीर बेजान पड़ा था। खून से लथपथ हाथ पैर चेहरे पर जख्म ही जख्म थे। डीएम एवं अन्य अफसरों ने आश्वासन दिया कि मुआवजा मिलेगा लेकिन 3 दिन बीत गया। मुआवजा छोड़िये कोई अफसर नेता कर्मचारी उनकी हाल खबर लेने नहीं आया।
स्कूल हादसे के चश्मदीद रमेश कुमार ने बताया कि स्कूल में बने कमरे की सटरिंग लगा कर करीब साढ़े 5 बजे स्लेप डाला जा रहा था। वह निर्माणाधीन छत पर था। थोड़ा काम बचा था तभी ऐसा लगा छत एक तरफ झुक रही है। कोई कुछ समझ पता उसके पहले पूरी छत मलबे के रूप में जमीन पर गिर गई।
उस समय छत के नीचे जितेंद्र और रामू थे। रामू तो निकल गया लेकिन जीतेन्द्र नहीं निकल सका। छत के गिरते ही ठेकेदार सहित 2 दर्जन काम कर रहे लोग भाग खड़े हुए। शोर मचा कर ग्रामीणों को मदद के लिए पुकारा। काफी देर बाद पुलिस और फिर अधिकारी पहुंचे।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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