दलितों के वाटर टैंक में मल डाला-बच्चे बीमार पड़े
आजादी के 75 साल बाद भी तमिलनाडु के गांव वेंगईवयल में छुआछूत जैसी कुप्रथा जारी है। पता तब चला, जब गांव के बच्चे और कुछ लोग बीमार और बेहोश होने लगे। डॉक्टर ने कहा कि पानी की जांच करो। दलितों को एक ही वाटरटैंक से सप्लाई होती थी। जब उसका ढक्कन खोला गया तो उसमें इतना मानव मल पड़ा था कि पानी पीला पड़ गया।
गांव की पंचायत ने प्रशासन से शिकायत की। जांच के लिए पुद्दुकोट्टई जिले की कलेक्टर कविता रामू और SP वंदिता पांडे पहुंचीं। तब चौंकाने वाले खुलासे हुए। यहां दलितों के लिए दुकानों पर गिलास भी अलग हैं। मंदिरों में उन्हें जाने की इजाजत नहीं है। भाजपा भी अपनी एक टीम यहां जांच के लिए भेजेगी।
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100 दलितों की पानी सप्लाई के लिए एक वाटर टैंक
वेंगईवयल गांव की इस घटना पर कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई हैं। इनके मुताबिक, मंगलवार को पुलिस और प्रशासन जब गांव पहुंचा तो पता चला कि दलित समुदाय के 100 लोगों की सप्लाई के लिए एक 10 हजार लीटर का वाटर टैंक है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से गांव के बच्चे बीमार पड़ने लगे। कुछ लोग पानी पीकर बेहोश भी हो गए। डॉक्टर ने कहा कि पीने का पानी इसकी वजह हो सकती है।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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