अंबेडकर की मूर्ति से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, दलित संगठनों के आक्रोश से घुटनों पर आई सरकार
जींद- हरियाणा में जींद जिले के नरवाना थाना क्षेत्र के उझाना गाँव में बीते दिनों सरकारी जमीन पर कब्जा कर डाॅ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगा दी गई थी, जिसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने तत्काल रूप से कार्रवाई करते हुए उक्त स्थान से मूर्ति को हटा दिया था।
लेकिन मूर्ति हटाने के बाद वहां जमकर विवाद हो गया था और तनाव की स्थिति बन गई, इसी बीच बड़ी संख्या में बाहरी लोग भी इकट्ठा हो गए और प्रशासन को चेतावनी देते हुए बुधवार को हर हाल में पुनः प्रतिमा को स्थापित करने का निर्णय लिया गया था।
जिसके बाद जाट समुदाय के लोगों ने अंबेडकर मूर्ति हटाने को लेकर उत्पन्न हुए विवाद और तनावपूर्ण माहौल का जिम्मेदार बाहरी लोगों को ठहराया था और बाहरी लोगों को गाँव में न घुसने देने की बात कहीं थी।
प्रशासन ने बैठक कर सुलझाया मामला
मूर्ति हटाने को लेकर बनी तनाव की स्थिति की बीच जिला परिषद सीईओ विनेश कुमार ने मंगलवार को नरवाना के लोक निर्माण विश्रामगृह में उझाना गाँव के अनुसूचित जाति के लोगों साथ एक बैठक आयोजन किया गया था।
जिसमें उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों को समझाते हुए कहा कि जिस जमीन पर उनके द्वारा बाबा साहेब की प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह जमीन सरकारी है और बिना शासन प्रशासन की अनुमति के इस तरह से सरकारी जमीन पर किया जाने वाले कार्य को अतिक्रमण माना जाता है। जिसके चलते प्रशासन द्वारा मूर्ति को हटाया गया था।
इतना ही नहीं उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया कि सात जनवरी तक इस मामले में सभी औपचारिकताएं पूरी करके सरकार के पास जमीन ट्रांसफर का मामला भेज दिया जाएगा। इसके बाद जमीन संस्था के नाम ट्रांसफर हो जाएगी, जिसके बाद वह उस जगह पर बाबा साहिब अंबेडकर की मूर्ति लगा सकते हैं।
सौजन्य : Falana dikhana
नोट : यह समाचार मूलरूप से falanadikhana.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है|