दलितों को सदियों से नहीं मिल रही थी मंदिर में एंट्री, महिला कलेक्टर-एसपी ने कमाल कर दिया
तमिलनाडु : के एक गांव के मंदिर में दलितों को सालों से प्रवेश नहीं मिलता था. जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) मौके पर पहुंचे और प्रवेश दिलवा दिया. खबर बस इतनी नहीं है और भी है. और ये खबर एक कहानी से शुरू होती है. पहले आपको वो कहानी सुनाते हैं.
तमिलनाडु में एक जिला है पुडुकोट्टई (Pudukkottai). यहां एक गांव है ‘वेंघई वयल’. यहां हाल ही में दलित बिरादरी के तीन बच्चे बीमार हो गए थे. कुछ दिनों तक तबीयत सही नहीं हुई तो मां-बाप उन्हें अस्पताल लेकर गए. डॉक्टर ने तीनों की जांच की, कुछ टेस्ट करवाए. उसके बाद बताया कि बच्चों के बीमार होने की वजह दूषित पेयजल है.
इंडिया टुडे से जुड़ीं शिबिमोल केजी के मुताबिक बीमार हुए बच्चे अलग-अलग घरों के थे, इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद पानी की सप्लाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टंकी की जांच की गई. वो टंकी जिसका पानी दलित लोगों के घरों में जाता है. टंकी की साफ-सफाई शुरू की गई. सफाई के दौरान ही टंकी के अंदर इंसान का मल (टट्टी) मिली. गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए उपलब्ध एकमात्र टंकी में मानव मल मिलने की घटना से हड़कंप मच गया. घटना को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी एक्टिव मोड में आ गए.
डीएम गांव में पहुंच गईं
पुडुकोट्टई जिले की कलेक्टर कविता रामू भी वेंघई वयल गांव में पहुंची. और गांव के लोगों के हेल्थ चेकअप के लिए हेल्थ कैंप लगवाया. इसके बाद वो घटना संज्ञान में आई जिसके लिए ये खबर लिखी गई है, यानी गांव के मंदिर की घटना. दरअसल, हेल्थ कैंप के बाहर ही जिलाधिकारी कविता रामू गांव के लोगों की समस्याएं सुनने लगीं. इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि दलितों को सदियों से गांव के मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है.
मामला जैसे ही जिलाधिकारी के संज्ञान में आया, उन्होंने गांव के सभी लोगों को बुलवा लिया. डीएम ने इलाके के लोगों को मंदिर के पट तत्काल खोलने और सभी जातियों के लोगों को दर्शन करवाने का आदेश दिया. डीएम ने ये भी कहा कि भविष्य में किसी को भी मंदिर में प्रवेश से न रोका जाए. उन्होंने जिला प्रशासन को मंदिर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाकर नजर रखने का भी आदेश दिया.
डीएम-एसपी ने अपने सामने प्रवेश करवाया
वेंघई वयल में जब ये सब चल रहा था तो डीएम के साथ एसपी वंदिता पांडेय भी मौजूद थीं. जिले की दोनों वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में दलितों को मंदिर में प्रवेश कराया गया. अधिकारियों ने अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिर में प्रवेश से रोकने के लिए दो लोगों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का भी निर्देश दिया.
इस तरह महिला डीएम और एसपी के हस्तक्षेप के बाद वेंघई वयल गांव के दलितों को वो अधिकार मिल गया, जिससे वो सदियों से वंचित थे. उनके चेहरे खुशी से खिलखिला रहे थे, पूजा करने के बाद सभी ने डीएम कविता रामू को बोला- ‘थैंक्यू’
सौजन्य : The lallantop
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