UP: सीतापुर के इंटर कॉलेज में 7 दिन में 3 छात्राओं की आत्महत्या, कथित तौर पर दबंग छात्रों से परेशान थीं छात्राएं!
“सीतापुर के एक इंटर कॉलेज में सात दिन (12 से 18 दिसंबर) के अंदर तीन छात्राओं ने आत्महत्या कर ली जिसे सुनकर हर कोई सकते में है। चर्चाओं के बीच परिजनों ने खुलासा किया है कि छात्राएं दबंग छात्रों से परेशान थीं। दो किशोरियां 12वीं जबकि एक 11वीं की छात्रा थी। इसी बीच शनिवार को एक अन्य (चौथी) छात्रा ने भी आत्महत्या की कोशिश की तो हड़कंप मच गया है। कॉलेज में पांच सदस्यीय निगरानी समिति गठित की गई है।”
स्थानीय अमर उजाला अखबार के अनुसार, सीतापुर के राजा बहादुर सूर्य बख्श सिंह (आरबीएसबीएस) इंटर कॉलेज, कमलापुर में सात दिन (12 से 18 दिसंबर) के अंदर तीन छात्राओं की आत्महत्या ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण अब तक सामने नहीं आया है पर तरह-तरह की चर्चाओं के बीच में अब उनके अभिभावकों का कहना है कि दबंग छात्रों के शोषण के चलते बेटियों ने जान दी।
ये तीनों छात्राएं पढ़ने में अच्छी थीं और क्लास में उनकी उपस्थिति भी 85 फीसदी से ज्यादा थी। इनमें एक ने कीटनाशक खाकर, दूसरी ने नदी में कूदकर और तीसरी छात्रा ने फंदा लगाकर जान दे दी। घटना से तीनों छात्राओं के परिजनों के साथ साथ पूरा क्षेत्र सकते में है। कॉलेज प्रशासन चिंतित है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। खुदकुशी को बीते दिनों एक छात्र द्वारा शिक्षिका से अभद्रता के बाद हुए विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कमलापुर के इस कॉलेज में 3600 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनमें लगभग 1300 छात्राएं हैं।
छात्राओं की मौत पर परिजन भले चुप्पी साधे हुए हैं पर बिटिया को खोने की टीस ने उनके मन में उथल-पुथल मचा रखी है। एकाएक संदिग्ध हालातों में जान देने वाली छात्राओं के परिजनों का जब मन टटोला गया तो सारा गुबार छलक पड़ा। परिजनों ने दो टूक कहा कि ये आत्महत्या नहीं, हत्या है। कॉलेज में मानसिक शोषण से तंग आकर छात्राएं जान देने को मजबूर हुईं। तीनों छात्राओं के अभिभावकों ने बिना पुलिस को खबर दिए अंतिम संस्कार कर दिया। इनमें से एक के पिता का कहना है कि आत्महत्या से कुछ दिन पहले छात्रा के स्वभाव में बदलाव आ गया था। वह चिड़चिड़ी हो गई थी। दूसरी के पिता ने कॉलेज के अनुशासन पर सवाल उठाए, जो कॉलेज में सब ठीक न होने की ओर इशारा करते हैं।
अमर उजाला के अनुसार, कमलापुर थाना क्षेत्र के तिवारीपुर में शनिवार को अखबार की टीम पहुंची। कक्षा 11 की छात्रा के सरायन नदी में छलांग लगाने को लेकर उसके परिजनों का मन टटोला तो बहन फफक पड़ी। गम व गुस्से में बोली कि उसकी बहन तो चली ही गई है, घर के अन्य सदस्यों की जान बची रहे, इसलिए मुंह नहीं खोलना चाहते। बताया कि कॉलेज के ही दबंग छात्रों ने उसकी बहन का शोषण किया था। अब उसे भी खतरा है।
एक छात्रा की बहन ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है। आरोप लगाया कि छात्रा का कॉलेज के कुछ दबंग लड़कों ने मानसिक शोषण किया। जिसके कारण एक ऐसी लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली जो आत्महत्या के नाम से चिढ़ती थी। शिवपुरी कुर्सिनपुरवा में फंदे पर लटककर जान देने वाली इंटर की छात्रा की मां से जब घटना को लेकर बात की गई तो वह बिलख उठी।
भर्राई आवाज में बोलीं कि ह्रदय रो-रोकर कह रहा है, बिटिया को पढ़ाने कॉलेज न भेजते तो यह घटना न होती। पिता ने बताया कि एक माह पहले ही अचानक बेटी का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ा। बात-बात पर चिड़चिड़ाने लगी थी। गुस्से में चीजें तोड़ने लगती थी। पिता ने कॉलेज के अनुशासन पर सवाल उठाए हैं।
कॉलेज में पांच सदस्यीय निगरानी समिति गठित
कॉलेज में शनिवार को एक और छात्रा के साथ हादसा पेश आया। सहपाठियों की छींटाकशी से तंग इंटर की छात्रा ने कक्षा में ही ब्लेड से कलाई के पास हाथ काट लिया। अफरातफरी के बीच जख्मी छात्रा का प्राथमिक उपचार कराने के बाद घर भेज दिया गया। वहीं, सात दिन के अंतराल पर तीन छात्राओं की खुदकुशी के मामलों की अमर उजाला में खबर प्रकाशन के बाद कॉलेज के प्रधानाचार्य ने पांच सदस्यीय निगरानी समिति गठित की है।
मामले पर आरबीएसबीएस इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य साकिब जमाल अंसारी का कहना है कि पांच सदस्यीय निगरानी समिति प्रत्येक कक्षा में जांच कर उदंड छात्रों की पहचान करेगी। वहीं, शनिवार को चौथी लड़की की घटना पर अंसारी का कहना था कि सहपाठियों के चिढ़ाने से छात्रा ने हाथ काटा था। उपचार कराकर उसे घर भेज दिया गया है।
किसी ने नहीं दी सूचना
तीनों छात्राओं के अभिभावक ने बिना पुलिस को खबर दिए अंतिम संस्कार कर दिया। थाना प्रभारी राजकरन शर्मा का कहना है कि छात्र से विवाद में शिक्षिका ने तहरीर देने के बाद कार्रवाई से मना कर दिया था। आत्महत्या के किसी मामले की सूचना नहीं दी गई।
अभिभावक भी समझें जिम्मेदारी
इस हृदयविदारक मामले ने अभिभावकों के साथ-साथ हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कॉलेज में गतिविधियों के साथ बच्चों के रोजमर्रा के कार्यकलापों पर भी नजर रखें। आरबीएसबीएस इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य साकिब जमाल अंसारी का कहना है कि शिक्षिका से विवाद वाले छात्र को निष्कासित कर दिया गया है। छात्राओं की आत्महत्या के बाद दो बार बच्चों की काउंसिलिंग कराई गई। स्मार्टफोन व सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में बच्चे अक्सर भटक जाते हैं। अभिभावक भी जिम्मेदारी समझें और बच्चों पर निगाह रखें।
सौजन्य :सबरंग
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