दिल्ली दंगे 2020 : दिल्ली हाईकोर्ट फातिमा की जमानत याचिका पर आज सुनवाई करेगा
गुलफिशा फातिमा ने मंगलवार को पूर्वोत्तर दिल्ली में फरवरी 2020 के सांप्रदायिक दंगों के पीछे बड़ी साजिश के एक मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मांगी, जिसमें कहा गया कि हिंसा को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी कोई भूमिका नहीं थी। अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई की।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने मामले को 14 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। गौरतलब है कि गुलफिशा फातिमा को मार्च 2022 में ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।
फातिमा के वकील सुशील बजाज ने अदालत को बताया कि अभियोजन पक्ष के सभी गवाह या तो सुने हुए हैं या वे लोग हैं जो सभी विरोध सभाओं में मौजूद नहीं थे। उन्होंने तर्क दिया कि सबूतों की पुष्टि करने के लिए पहला कदम होना चाहिए। बजाज ने यह भी आरोप लगाया कि वे फातिमा के खिलाफ गवाहों के रूप में काम कर रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक, फातिमा ने पुलिस को 15 जनवरी के सीलमपुर प्रदर्शन के बारे में खुलासा करते हुए कहा, भीड़ योजना के अनुसार बढ़ने लगी थी, बड़े नेता और वकील इस भीड़ को भड़काने के लिए आने लगे थे। जिसमें उमर खालिद, चंद्रशेखर ‘रावण’, योगेंद्र यादव, सीताराम येचुरी और वकील महमूद प्राचा आदि शामिल थे। चार्जशीट के अनुसार, वकील महमूद ने कहा कि प्रदर्शन में बैठना आपका लोकतांत्रिक अधिकार है और बाकी नेताओं ने सीएए और एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में असंतोष की भावना को हवा दी थी
रिपोर्ट के अनुसार, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के कार्यकर्ता खालिद सैफी, कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और आरजेडी युवा विंग की मीरान हैदर समेत अन्य मुख्य आरोपी कथित रूप से बड़े साजिश मामले से जुड़े हैं। नागरिकता (संशोधन अधिनियम) के समर्थकों और इसका विरोध करने वालों के बीच झड़प के बाद 24 फरवरी 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी।
सौजन्य :सहारा समय लाइव
दिनाक :14 दिसंबर 20 22