Bhima Koregaon Case : आनंद तेलतुंबडे जेल से आये बाहर, SC ने एक दिन पहले NIA की याचिका की थी खारिज
बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद आज सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे तलोजा जेल से बाहर आ गए। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे शनिवार को तलोजा जेल से बाहर आ गए। आठ दिन पहले आनंद तेलतुंबडे को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत दे दी थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ NIA ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एक दिन यानि 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) ने सुनवाई के बाद एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया था। बता दें कि आठ दिन पहले यानि 18 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी आनंद तेलतुंबडे ( Anand Teltumbde ) को जमानत दे दी थी। उन्हें एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई थी। एनआईए के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने एक सप्ताह के लिए आदेश पर रोक लगा दी थी। आनंद तेलतुंबडे की रिहाई को एनआईए के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी आनंद तेलतुंबडे की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने NIA पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ क्या सबूत हैं? आरोपी पर किस आधार पर UAPA लगाया गया था।
BJP सरकार एनआईए ने की थी जमानत पर रोक की मांग NIA की ओर से कहा गया कि वह एक शिक्षाविद् हैं। भीमा कोरेगांव मामले में वो ( Anand Teltumbde ) सिर्फ एक चेहरा हैं। उनके पीछे साजिश रचने वाला कोई और है। इसलिए बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से जारी जमानत के आदेश पर रोक लगाई जाए। आनंद शिक्षाविद हैं न कि आतंकवादी इसके जवाब में आनंद तेलतुंबडे ( Anand Teltumbde ) का बचाव करते हुए उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सभी ईमेल उनके पास से बरामद नहीं हुए है। सिर्फ दो ईमेल हैं जो फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के पास हैं, जहां भी दलितों के मामले हैं वहां वो मौजूद रहते हैं, क्योंकि वो शिक्षाविद हैं न कि आतंकवादी। उन्होंने पेरिस यात्रा भी शैक्षिक कार्यक्रम के सिलसिले में ही की थी। मुझे मालूम नहीं कि मिलिंद ने अपने 164 के बयान में क्या कहा? एनआईए सिर्फ मिलिंद के बयान को ही सबूत बना रही है। उसी से आनंद को लिंक किया जा रहा है। 2 साल से बेवजह जेल में हैं Bhima Koregaon Case : एनआईए के पास एक ही चिट्ठी है जिसमें मुझे माई डियर कॉमरेड संबोधित किया गया है। क्या इतने भर से में आरोपी हो गया? सिब्बल ने तेलतुंबड़े ( Anand Teltumbde ) की लिखी किताबें, दुनिया भर की यूनिवर्सिटीज में किए गए काम का जिक्र करते हुए कहा कि 73 साल के आनंद पिछले दो साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा का समय वो वहां थे। दरअसल, आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया गया था।
सौजन्य : जनज्वार
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