रेप के मामले में यूपी नंबर 1, रोज होते हैं 11 रेप
यूपी के उन्नाव में कॉलेज छात्रा से रेप के आरोप में एक 25 साल के शख्स को गिरफ्तार किया है। सदर कोतवाली के एक गांव में एक दलित युवती का शव उसके घर के आंगन में मिला था। ये सुनने में कोई आम खबर लगती है। लेकिन जब इसके तह में उतरते हैं तो पाते हैं हर घड़ी कई जिंदगियों के साथ खिलवाड़ होता है। आइए आपको इसके तह में ले चलते हैं।
यूपी में रेप की क्या हालत है?
NCRB यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक पूरे देश में हर रोज 86 रेप के मामले आते हैं। इनमें से सिर्फ उत्तर प्रदेश में 13% यानी 11 घटनाएं हर रोज होती हैं।
क्या पहले भी यूपी में यही हाल था, या अभी ऐसा हो रहा है?
NCRB के आंकड़े बताते हैं 2014 में 3,467, 2017 में 4,246 और 2020 में 2,769 रेप के मामले समने आए हैं। यानी रेप के मामले कम हुए हैं।
ये रेप करने वाले हैं कौन
NCRB कहता है कि यूपी में रेप के 57% मामलों में शादी का झांसा देकर रेप किया जाता है। अक्सर ये वो मामले होते हैं जिनमें पीड़िता और आरोपी पहले आपसी सहमति शारीरिक संबंध बनाते हैं। लेकिन बाद में लड़के लड़की को अपनाने से मुकर जाते हैं।
इसके अलावा रेप के 37% मामलों में रेप करने वाला कोई रिश्तेदार या जानने वाला ही होता है। सिर्फ 6% रेप आरोपी ऐसे होते हैं जिससे कि पीड़िता अनजान होती है।
रेप पर क्या कानून हैं? क्या यूपी में कुछ अलग से भी है?
IPC यानी भारतीय दंड संहिता में धारा 376 और 375 के तहत रेप के मामले दर्ज होते हैं। इसी में इसकी सजा के बारे में बताया गया है।
धारा 376 में दोषी को कम से कम पांच साल की सजा और अधिकतम 10 साल तक कठोर सजा दी जाती है। लेकिन निर्भया कांड के बाद संविधान संशोधन हुआ था। IPC की धारा 376 E के तहत रेप के दोषियों को उम्रकैद या फिर फांसी भी दी जा सकती है।
यूपी में महिला सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्कॉयड भी बनाया गया था। लेकिन इसके तहत किसी बड़ी राहत की खबर अब तक नहीं है।
क्या ये कानून रेप रोक पा रहे हैं?
बीते 6 साल में रेप की घटनाएं कम हो रही है। यानी कानून रेपिस्ट्स पर लगाम लगाने में सफल हैं। यूपी के एडीजी आशुतोष पांडेय कहते हैं कि महिलाओं को रेप जैसी जघन्य घटनाओं पर एकदम खामोश नहीं रहना चाहिए। भले ही रेप करने वाला कोई शख्स उनका जानने वाला ही कोई क्यों ना हो, उन्हें ऐसे मामलों की शिकायत पुलिस से जरूर करनी चाहिए।
सौजन्य : Patrika
नोट : यह समाचार मूलरूप से patrika.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !