आरक्षण में कटौती : नेशनल हाइवे और पटरी पर बैठकर आदिवासी समाज ने की आर्थिक नाकेबंदी, दी चेतावनी
सर्वआदिवासी समाज ने आरक्षण में कटौती को लेकर नाराज होकर मंगलवार को पुरुर-जगदलपुर नेशनल हाइवे में पुरुर व राजाराव पठार एवं डौंडी में मथाई चौक के पास आंदोलन किया। वहीं डौंडी में समाज ने पटरी पर बैठकर ट्रेन रोकने का प्रयास किया।
बालोद/दल्लीराजहरा. सर्वआदिवासी समाज ने आरक्षण में कटौती को लेकर नाराज होकर मंगलवार को पुरुर-जगदलपुर नेशनल हाइवे में पुरुर व राजाराव पठार एवं डौंडी में मथाई चौक के पास आंदोलन किया। वहीं डौंडी में समाज ने पटरी पर बैठकर ट्रेन रोकने का प्रयास किया। राजाराव पठार के पास दो हजार से अधिक आदिवासी समाज के लोगों ने सड़क पर बैठकर जाम कर दिया।
नेशनल हाइवे में वाहनों की लंबी कतार लग गई। यात्री बस में बैठे यात्री भी परेशान रहे। वहीं इस आंदोलन से शासन को करोड़ों का राजस्व हानि हुई है। सर्व आदिवासी समाज का आंदोलन सुबह 11 से लेकर शाम चार बजे तक जारी रहा। राजाराव पठार के पास आंदोलन व चक्काजाम के दौरान सर्वआदिवासी समाज के अध्यक्ष उमेंदीराम गंगराले ने कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर इस तरह का कार्य कर रही है। आदिवासी समाज के आरक्षण में कुल 12 फीसदी का कटौती की है। अब आरक्षण 32 प्रतिशत रह गया है। आदिवासी समाज की जनसंख्या बढ़ रही है तो आरक्षण का प्रतिशत बढऩा चाहिए। शासन ने न्यायालय में शिथिलतापूर्वक आरक्षण के दस्तावेज को प्रस्तुत किया। इस वजह से हाईकोर्ट ने आरक्षण में कटौती की है।
सड़क जाम, पुलिस ने संभाला मोर्चा
इस एक दिवसीय आर्थिक नाकेबंदी के दौरान राजाराव पठार में जब धमतरी जिले के सर्व आदिवासी समाज के लोग आंदोलन में आए थे। शाम चार बजे करीब नेशनल हाइवे में चक्काजाम कर दिया था भीड़ को नियंत्रित करने पुलिस को भी मशक्कत करनी पड़ी।
राजहरा में आर्थिक नाकेबंदी कर जताया आक्रोश
सर्व आदिवासी समाज ने दल्लीराजहरा के मानपुर चौक एवं चौराहा पड़ाव तिराहा पर आर्थिक नाकेबंदी कर शासन के प्रति आक्रोश जताया। हजारों आदिवासी महिला पुरुष सुबह 9 से शाम 4 बजे तक आंदोलन स्थल पर डटे रह। आरक्षण कटौती के विरोध में नारेबाजी की। मानपुर चौक से लगी पटरी पर बैठकर मालगाडिय़ों की आवाजाही रोक दी। मालवाहक ट्रकों को भी रोका गया। यात्री बसों एवं पैसेंजर ट्रेन को आने-जाने के लिए छूट दी गई।
दोनों पार्टी कर रही छल
पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर ने कहा कि सरकार ने आरक्षण के मामले में आदिवासियों को बार-बार गुमराह किया। समाज आरक्षण को लेकर किसी भी स्तर पर लड़ाई लडऩे को तैयार है। दोनों ही बड़ी राजनीतिक पार्टियां आदिवासियों के साथ छल करती आ रही है।
आरक्षण उपलब्ध न कराना हिटलरशाही
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष यूआर गंगराले ने कहा कि हमारा आंदोलन वर्तमान में सांकेतिक है। इस आर्थिक नाकेबंदी से भी चेतेगी तो उग्र आंदोलन करेंगे। शीघ्र ही अध्यादेश लेकर आए और अधिसूचना जारी करें। समाज की जिला उपाध्यक्ष संतोषी ठाकुर ने संविधान की धाराओं का उल्लेख करते हुए बताया कि आदिवासियों के आरक्षण में कटौती करना, उनको जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण उपलब्ध ना कराना सरकार की हिटलर शाही है। सरकार आदिवासियों के हित रक्षक होने का ढोंग कर रही है। छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए अन्य राज्यों में जब आरक्षण का प्रतिशत 50 से अधिक हो सकता है तो छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं।
हल्बा समाज के पदाधिकारी भी शामिल हुए
सभा को हल्बा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष देवेंद्र माहला, तुकाराम कोराम, प्रेमलाल कुंजाम, रतिराम कोसमा ने भी संबोधित किया। सभा में राजकुमार प्रभाकर, टीकम बढाई एसएस नेताम, तुलसी मरकाम, मोहन हिडको, देवेंद्र मोहल्ला, झुमुक परसाई, अजीत कतलाम, जागेश्वर दरो, फिरंता उइके, गणेश राम ओटी, राजाराम ताराम, लक्ष्मण भंडारी, उत्तम ठाकुर, महेश कुरेटी, अनीता कुमेटी, सुनील कुरेटी, चमन कुमेडी, दिनेश उर्वशा, इंद्र कुमार, करात ऋषि ठाकुर, नीरज ठाकुर, कुशल श्रीराम, हिमांशु करात, निमेष नायक, निलेश, गीता मरकाम, हेमकुमारी, शेखर नेताम, गुड्डा कठोर, विद्या राउटे, केकती मंडावी, कुसुम ध्रुव, ममता मानकर, पुष्पा अलिंद्र, कांति धनेंद्र, ममता घराना, सुमरित उर्वशी, मिथिलेश पिस्दा, देवेंद्र उईके, दिलीप सोरी, चुन्नीलाल कंवर, संतोष ठाकुर आदि उपस्थित रहे।
सौजन्य : पत्रिका
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