मुस्लिम के साथ दलित बहुल सीटों पर भी औवेसी की नजर, इन पार्टियों को हो सकता है नुकसान
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा , कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के अलावा असदुद्दीन औवेसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) भी पूरा दमखम लगा रही है। पहले माना जा रहा था कि वह मुस्लिम बहुल सीटों तक सीमित रहेगी, लेकिन अब वह दलित बहुल सीटों पर भी नजरें गड़ा रही है। अहमदाबाद की दाणीलिमडा आरक्षित सीट पर पार्टी ने कौशिका परमार को प्रत्याशी बनाया है।
Gujarat Election में 3 दर्जन से अधिक सीटों पर मुकाबला चतुष्कोणीय
विधानसभा चुनाव में इस बार तीन दर्जन से अधिक सीटों पर मुकाबला चतुष्कोणीय हो सकता है। मुस्लिम बहुल सीटों पर एआइएमआइएम के आ जाने से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। दलित बहुल सीटों पर प्रत्याशी खड़े करने से भाजपा का गणित भी बिगड़ सकता है। एआइएमआइएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी बताते हैं कि उनकी पार्टी गुजरात में मुस्लिम, दलित और आदिवासी बहुल 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
गुजरात चुनाव में पिछली बार 13 आरक्षित सीटों में से 7 BJP के खाते में गईं…
दानिश कुरैशी ने बताया कि पिछले गुजरात चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से भाजपा ने सात और कांग्रेस ने पांच सीटें जीती थीं। एक सीट पर निर्दलीय जीता था। जमालपुर-खाडिया, सूरत पूर्व, लिंबायत एवं अहमदाबाद की बापूनगर सीट पर एआइएमआइएम के आ जाने से सीधे भाजपा को फायदा हो सकता है।
गुजरात की जनता सब समझती है…!
उत्तर गुजरात की दसाडा सीट से कांग्रेस विधायक नौशाद सोलंकी बताते हैं कि आप और एआइएमआइएम को लेकर हम पहले से सतर्क हैं। जिन सीटों पर कांग्रेस मजबूत है तथा भाजपा कई बार से चुनाव नहीं जीत पा रही है, वहां ये दोनों दल अपने प्रत्याशी उतारने वाले हैं। भाजपा पहले कांग्रेस के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा कराती थी। अब आप और एआइएमआइएम अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है। गुजरात की जनता सब समझती है कि ये पार्टियां केवल चुनाव लड़ने में ही रुचि रखती हैं।
सौजन्य : Dainik jagran
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