पार्वती डेम में डूबी साढ़े 4 एकड़ जमीन, राजस्व विभाग दे रहा 300 डेसीमल का मुआवजा
सीहोर में एक दलित किसान दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर है। उसकी जमीन पार्वती नदी पर बनाए जा रहे बांध के डूब क्षेत्र में आ गई है। अब इस दलित किसान की परेशानी यह है कि अन्य किसानों को मुआवजा भी मिल चुका है लेकिन इसकी जमीन मुआवजा ही नहीं मिला। जब किसान ने मुआवजे के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने शुरू किए तो उसे पता चला कि डूब क्षेत्र में जिन किसानों की जमीने आई हैं उस सूची में भी नाम नहीं था।
किसान ने बताया कि उसे 300 डेसीमल जमीन का मुआवजा देने का आश्वासन जिम्मेदारों की तरफ से मिल रहा है। राजगढ और सीहोर जिले की सीमा पर वृहद पार्वती बांध का निर्माण किया जा रहा है। परियोजना अंतिम चरण में है। सीहोर के श्यामपुर क्षेत्र के अनेकों गांवों के किसानों की भी कईयों एकड़ जमीन बांध डूब क्षेत्र में आई है।
हिंगोनी गांव के दलित विकलांग किसान परसराम अहिरवार ने बताया कि उसकी पार्वती नदी किनारे साढे चार एकड़ जमीन है जो बांध डूब क्षेत्र में आ गई है। किसान का कहना है कि उसकी जमीन से लगी हुई अन्य जमीनें जो डूब क्षेत्र में आ रही हैं उन्हें मुआवजा सूची में रखा गया है और मुआवजा भी वितरित कर दिया गया है। लेकिन उसका नाम मुआवजा सूची में नहीं है, इसके उसे मुआवजा भी नहीं मिला।
दलित किसान परसराम का आरोप है कि राजस्व विभाग उसके साथ भेदभाव कर रहा है। पार्वती नदी किनारे उसकी साढे चार एकड़ जमीन है। जमीन के सहारे पूरा परिवार है, अन्य कोई आय साधन भी नहीं है, पूरा परिवार ही जमीन पर निर्भर था डूब क्षेत्र में जमीन जाने से परिवार बेरोजगार हो गया है। वहीं दूसरी और मुआवजा भी नहीं मिल रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि 300 डेसीमल का मुआवजा रख लो, इससे ज्यादा का नहीं मिलेगा।
श्यामपुर तहसीलदार अर्चना शर्मा का कहना है कि किसान की शिकायत मिली थी उस पर जांच की जा रही है उसका प्रतिवेदन बनाकरभेजा जाएगा। आप किसान को मेरे पास भेजिए उसकी समस्या का समाधान किया जाएगा।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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